Twitter: @PIB india
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नई दिल्ली: आज, सोमवार 9 नवंबर को भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को 15वें वित्त आयोग ने 2021-22 से लेकर 2025-26 तक की अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। चेयरमैन सहित आयोग के अन्य सदस्यों ने राष्ट्रपति को यह रिपोर्ट राष्ट्रपति भवन में सौंपी। आयोग के अन्य सदस्यों में अजय नारायण झा, अनूप सिंह, अशोक लाहिड़ी और रमेश चंद शामिल हैं। 

प्रधानमंत्री को भी दी जाएगी एक कॉपी

पहले इस विषय में कहा गया था कि, ‘वित्त आयोग ने राष्ट्रपति से रिपोर्ट सौंपने के लिए समय मांगा है। राष्ट्रपति के कार्यालय ने यह संदेश दिया है कि रिपोर्ट सौंपने का काम नौ नवंबर 2020 को होगा।’ आयोग अपनी रिपोर्ट की एक कॉपी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी सौंपेगा।

वित्त मंत्री करेंगे संसद में पेश 

रिपोर्ट में 2021 से 26 के लिए आयोग की सिफारिशें होंगी। इस रिपोर्ट को वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश किया जाएगा। रिपोर्ट के साथ सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों की कार्रवाई रिपोर्ट भी शामिल होगी। बयान में कहा गया है कि, ‘आयोग ने केंद्र और राज्य सरकारों, विभिन्न स्थानीय निकायों, पिछले वित्त आयोग के सदस्यों और चेयरमैन, आयोग की सलाहकार परिषद तथा विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और प्रमुख बहुपक्षीय संस्थानों के साथ व्यापक विचार विमर्श के बाद रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया।’

मौजूदा हाल को देखते हुए यह रिपोर्ट इसलिए भी ख़ास है क्योंकि इससे साफ होगा कि करों में कितना हिस्सा राज्यों के लिए सुझाया जाएगा। इससे पहले 14वें वित्त आयोग ने राज्यों की हिस्सेदारी को 10 फीसदी बढ़ाकर 42 फीसदी करने की सिफारिश की थी। 

वर्ष 2020-21 के लिए अंतरिम रिपोर्ट में जम्मू और कश्मीर व लद्दाख के नए केंद्र शासित प्रदेशों के निर्माण की वजह से अन्य राज्यों का हिस्सा 41 फीसदी तक कट गया था। कम होते आधार के मद्देनजर राज्यों को पूर्ण शर्तों में क्या मिलेगा, यह उनकी फीसदी हिस्सेदारी से ज्यादा महत्व रखेगा।