Adulteration of big company honey

देश की प्रमुख कंपनियों के शहद में मिलावट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है.

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देश की प्रमुख कंपनियों के शहद में मिलावट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट ने इन नामी कंपनियों के शहद में शुगर सिरप की मिलावट का सनसनीखेज खुलासा किया है. जांच में सेंटर ने पाया कि इन कंपनियों के शहद के सारे नमूने न्यूक्लीयर मैग्नेटिक रिजोनेंस टेस्ट (एनआरएम) में फेल हो गए. केंद्र सरकार ने गत अगस्त माह से भारत से निर्यात होनेवाले शहद के सारे नमूनों का एनआरएम परीक्षण अनिवार्य कर दिया है ताकि मिलावटी शहद का एक्सपोर्ट न होने पाए.

यहां प्रश्न उठता है कि जब सरकार ने विदेश भेजे जानेवाले शहद का एनआरएम टेस्ट अनिवार्य किया तो इन कंपनियो के देश में मिलावटी शहद बेचने की खुली छूट क्यों दी गई? सरकार को भलीभांति पता था कि ये कंपनियां क्या गोरखधंधा कर रही हैं. गत वर्ष भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसआई) ने राज्यों के ड्रग व फूड कमिश्नरों को बताया था कि देश में आयात किए जा रहे गोल्डन सिरप, इनवर्ट शुगर सिरप और राइस सिरप का इस्तेमाल शहद में मिलावट के लिए किया जा रहा हैं.

इतने पर भी न जाने क्यों केंद्रीय और सारे राज्यों की जांच लेबोरेटरी हाथ पर हाथ धरे बैठी रहीं. इनमें से किसी ने भी शहद में मिलावट को पकड़ने के लिए एनआरएम जैसे परीक्षण को अनिवार्य करना जरूरी नहीं समझा. अलीबाबा जैसी वेबसाइट पर यह शुगर सिरप फ्रूक्टोज या अन्य कई नामों से उपलब्ध है जिसकी धड़ल्ले से खरीदारी की जा रही है. इसमें यह भी दावा किया गया कि 80 प्रतिशत मिलावट होने पर भी इसे पकड़ पाना मुश्किल है. चीन से आयात किया जानेवाला शुगर सिरप इस तरह बनाया जाता है कि भारत में होनेवाले परीक्षण में उसके तत्वों की पहचान न हो सके. उत्तराखंड की फैक्ट्री के शहद के नमूनों में 50 फीसदी मिलावट पाई गई फिर भी वह भारतीय मानकों में पास हो गया. अब शहद का उत्पादन करनेवाली प्रमुख कंपनियां बचाव की मुद्रा में आ गई हैं.

ऐसे में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसआई) ने सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) से जांच का विवरण मांगा है. सीएसई से अपनी जांच में बड़ी कंपनियों के 10 शहद ब्रांडों में मिलावट का दावा किया है. सीएसई के खाद्य विशेषज्ञों ने भारतीय बाजार में बिकनेवाले 13 प्रमुख और छोटे ब्रांड वाले शहद को परीक्षण के लिए चुना था. गुजरात में किए गए परीक्षण में सभी शीर्ष ब्रांड (एपिस हिमालय) को छोड़कर पास हो गए.