पाकिस्तान के साथ अब बांग्लादेश में भी मंदिरों पर हमला

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    जैसी सहिष्णुता हिंदू धर्म में है, वैसी अन्य धर्मों में कम ही देखी जाती है. अन्य धर्म के कट्टरपंथी व हिंसक अनुयायी हिंदू मंदिरों को तोड़ने में पैशाचिक आनंद का अनुभव करते हैं. महमूद गजनवी से लेकर औरंगजेब तक ने यही किया. महमूद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर तोड़ा था जिसका पुनर्निर्माण सरदार पटेल और केएम मुंशी के प्रयासों से हो सका. इस्लाम मूर्तिपूजक हिंदुओं को बुतपरस्त और काफिर कहता है. मुस्लिम और ईसाई धर्मप्रचारक यही प्रयास करते हैं कि हिंदुओं का धर्मांतरण कर अपने मजहब या रिलीजन में शामिल किया जाए.

    इसके लिए हिंसा, प्रलोभन व छल का उपयोग भी किया जाता रहा है. गरीब आदिवासियों के धर्मांतरण के मामले की जांच के लिए नियोगी आयोग भी बैठा था. हिंदू सहिष्णु होता है जो कभी किसी को जबरन हिंदू नहीं बनाता लेकिन अन्य धर्मों के प्रचारक अपनी कारगुजारी से बाज नहीं आते. जब अयोध्या में बाबरी ढांचा टूटा था तब बांग्लादेश में दर्जनों मंदिर तोड़े गए थे और हिंदुओं पर अमानुषिक जुल्म ढाया गया था. तस्लीमा नसरीन ने अपनी पुस्तक ‘लज्जा’ में इन सारे तोड़े गए मंदिरों के नाम व स्थानों का विवरण दिया है. पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों का अपहरण कर निकाह किया जाता है. ऐसी घटनाओं की वहां की पुलिस अनदेखी कर देती है. पाकिस्तान के साथ अब बांग्लादेश में भी मंदिरों पर हमले व तोड़फोड़ की निंदनीय घटनाएं हुई हैं. पाकिस्तान में गणेश मंदिर तोड़ा गया जिसके खिलाफ वहां अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय ने प्रदर्शन किया.

    सिख, पारसी, ईसाई व अन्य तबके के लोगों ने भी मंदिर में तोड़फोड़ की निंदा की. अब बांग्लादेश के खुलना जिले में कट्टरपंथियों की भीड़ ने 50 से ज्यादा हिंदू घरों व दुकानों को निशाना बनाया. वहां 4 मंदिरों को तोड़ दिया. बांग्लादेश में हाल के वर्षों में अल्पसंख्यकों (हिंदुओं, बौद्ध, ईसाई) पर हमले बढ़े हैं. मार्च में प्रधानमंत्री मोदी को भी अपनी ढाका यात्रा के दौरान विरोध का सामना करना पड़ा था. बांग्लादेश में हिफाजत-ए-इस्लाम नामक हिंदू विरोधी संगठन तेजी से पनप रहा है.