America George Floyd violence-Mahatma Gandhi statue also broken

अमेरिका में जार्ज फ्लॉयड नामक अश्वेत की पुलिस के हाथों मौत के विरोध में कई दिनों से चल रहा आंदोलन बेकाबू और हिंसक हो गया है। इसमें उपद्रवी व अराजक तत्व शामिल हो गए हैं जो आगजनी व लूटपाट कर रहे हैं। खेद की बात है कि ये अश्वेत अपने दिवंगत नेता मार्टिन लूथर किंग की सिखाई अहिंसा व सत्याग्रह की राह से भटक गए हैं।

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अमेरिका में जार्ज फ्लॉयड नामक अश्वेत की पुलिस के हाथों मौत के विरोध में कई दिनों से चल रहा आंदोलन बेकाबू और हिंसक हो गया है। इसमें उपद्रवी व अराजक तत्व शामिल हो गए हैं जो आगजनी व लूटपाट कर रहे हैं। खेद की बात है कि ये अश्वेत अपने दिवंगत नेता मार्टिन लूथर किंग की सिखाई अहिंसा व सत्याग्रह की राह से भटक गए हैं। किंग ने कठोर यातनाएं बर्दाश्त करते हुए सरकार को झुकाया था और अश्वेतों के लिए सिविल राइट्स हासिल किए थे। दुनिया जानती है कि दक्षिण अफ्रीका में नेल्सन मंडेला और अमेरिका में मार्टिन लूथर किंग ने महात्मा गांधी से अहिंसा व सत्याग्रह की प्रेरणा ली थी। अत्यंत दुख की बात है कि वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के बाहर स्थित विश्ववंदनीय बापू की प्रतिमा को अज्ञात बदमाशों ने तोड़ दिया और स्प्रे पेंटिंग से विद्रूप कर दिया। इन प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका के राष्ट्रपुरुषों में से एक अब्राहम लिंकन के मेमोरियल को भी क्षति पहुंचाई। इससे पता चलता है कि अमेरिका अत्यंत अराजकता के दौर से गुजर रहा है। हिंसा में लिप्त प्रदर्शनकारी ऐसी निंदनीय हरकतों से अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं। पुलिस, सेना व सुरक्षा एजेंसियां हालात पर काबू पाने का यथासंभव प्रयास कर रही हैं लेकिन लगभग 40 राज्यों में हिंसा फैल चुकी है। कोरोना आपदा से जूझते अमेरिका के सामने यह नई मुसीबत पैदा हो गई है। यदि वहां का सामाजिक ढांचा देखें तो हाईस्कूल स्तर तक निशुल्क शिक्षा होने पर भी अधिकांश अमेरिकी पढ़ते नहीं हैं। अश्वेत स्कूल जाना टालते हैं क्योंकि उन्हें अनपढ़ रहने पर भी कोई न कोई काम आसानी से मिल जाता है। अकुशल श्रमिक को भी लगभग 9 डालर प्रति घंटे के हिसाब से पैसा मिलता है। डिपार्टमेंटल स्टोर को जलाते या लूटते समय अश्वेत उपद्रवी यह भी नहीं सोच रहे कि यहीं उन्हें काम मिलता है। अपने रोजगार के ठिकानों को लूटना आत्मघाती नहीं तो और क्या है? राष्ट्रपति ट्रम्प के लिए इस चुनाव वर्ष में अशांत अमेरिका एक बहुत बड़ी समस्या है। एक तरफ कोरोना से 1 लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और यह सिलसिला लगातार जारी है। इसी दौरान राष्ट्रव्यापी हिंसक उपद्रव की चुनौती भी खड़ी हो गई है। अमेरिका गन कल्चर वाला देश है। इसलिए वहां हिंसा को न रोका गया तो वह अत्यंत भयानक रूप ले सकती है।