महाराष्ट्र में 3 पार्टियों की महाविकास आघाड़ी सरकार के अपने आप गिरने की भविष्यवाणी पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने की है जबकि सच्चाई यह है कि कुछ मुद्दों पर मतभेद
महाराष्ट्र में 3 पार्टियों की महाविकास आघाड़ी सरकार के अपने आप गिरने की भविष्यवाणी पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने की है जबकि सच्चाई यह है कि कुछ मुद्दों पर मतभेद सामने आने के बावजूद इस सरकार के गिरने के कोई आसार नजर नहीं आते. जब शिवसेना, राकां व कांग्रेस ने आघाड़ी बनाकर सत्ता हासिल की है तो वे उसे खोना नहीं चाहेंगे. विधानसभा चुनाव के बाद जब बीजेपी ने देखा कि शिवसेना साथ देने को तैयार नहीं है तब राष्ट्रपति शासन लागू किया गया. तभी लग रहा था कि कहीं बीजेपी महाराष्ट्र में नए सिरे से विधानसभा चुनाव तो नहीं कराना चाहती? तभी बीजेपी को अजीत पवार का साथ मिला और तड़के सबेरे देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ले ली थी. यह सरकार ढाई दिन भी नहीं टिक पाई. अजीत पवार पर भरोसा करना बीजेपी को महंगा पड़ा. तभी से बीजेपी में भारी बेचैनी है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि राज्य में जनादेश का अनादर हुआ है. देवेंद्र फडणवीस ने चुनौती दी कि समयपूर्व चुनाव कराके देख लें. चुनाव के समय बीजेपी ने बड़े पैमाने पर अन्य पार्टियों के नेताओं-कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल किया था. बीजेपी के नेतृत्व में सरकार आएगी, यह उम्मीद रखकर अनेक नेता व छोटी-मोटी पार्टियां बीजेपी के खेमे में शामिल हुई थीं लेकिन हाथ से सत्ता निकल गई. अब इन नेताओं व छोटे-मोटे गुटों को साथ में जोड़े रखने के लिए बीजेपी जताना चाहती है कि वह फिर सत्ता में आएगी. लोकतंत्र में सत्ता हासिल करने का प्रयास करना विपक्ष का काम है लेकिन इसके लिए लोगों का विश्वास भी तो चाहिए. अभी महाविकास आघाड़ी के सामने साढ़े चार वर्ष का कार्यकाल है लेकिन बीजेपी अभी से छटपटाहट दिखा रही है. उसका कहना है कि कोरेगांव-भीमा प्रकरण की जांच को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और आघाड़ी के शिल्पकार शरद पवार के बीच मतभेद सामने आ गए हैं. इसके बावजूद उद्धव ठाकरे ने मौन त्याग कर जलगांव के मुक्ताई नगर के एक कार्यक्रम में शरद पवार की उपस्थिति में बीजेपी को सीधी चुनौती दी कि कल क्यों, आज ही सरकार गिराकर दिखाएं.