clash-between-indian-and-chinese-soldiers-in-ladakh-and-north-sikkim-sector

चीन के सैनिकों ने उत्तरी सिक्किम के नाकू ला दर्रे पर भारतीय जवानों के साथ धक्का-मुक्की की। लद्दाख में भी ऐसी ही झड़पें हुईं। कमांडर स्तर पर चर्चा के बाद 6 मई को यह मामला सुलझा लिया गया और चीन सैनिक अपनी पोजीशन पर वापस लौट गए।

Loading

चीन किस हद तक जाकर पाकिस्तान से अपनी यारी निभाता है, इसका प्रमाण उसके आक्रामक रवैये से साफ नजर आता है। भारत ने पीओके के नक्शे के साथ मुजफ्फराबाद और गिलगिट-बाल्टिस्तान के मौसम का हाल दूरदर्शन पर बताना शुरू किया तो पाकिस्तान बौखला गया। इसके साथ ही चीन ने भी ऐसे मौके पर यह दिखाने के लिए कि पाकिस्तान अकेला नहीं है और कश्मीर के मुद्दे पर वह उसके साथ है, भारत के खिलाफ उत्तेजक कदम उठाने शुरू कर दिए। चीन के सैनिकों ने उत्तरी सिक्किम के नाकू ला दर्रे पर भारतीय जवानों के साथ धक्का-मुक्की की। लद्दाख में भी ऐसी ही झड़पें हुईं। कमांडर स्तर पर चर्चा के बाद 6 मई को यह मामला सुलझा लिया गया और चीन सैनिक अपनी पोजीशन पर वापस लौट गए। इतने पर भी उनकी यह हरकत भारत को धौंस देनेवाली थी। चीन की ओर से दूसरी शरारत यह की गई कि उसके मिलिट्री हेलीकाप्टरों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर उड़ान भरी। चीन की यह हिमाकत देखते हुए भारतीय वायुसेना तत्काल अलर्ट मोड में आ गई। भारत के सुखोई-30 विमानों ने सीमा पर उड़ान भरकर चीन को करारा जवाब दिया। इसके बाद भी चीन के होश ठिकाने नहीं आए। उसकी फौज ने 1962 के युद्ध वाले मोर्चे पर अपने टेंट लगा लिए। चीन काफी समय से शांत था लेकिन इस समय वह ऐसी करतूतें पाकिस्तान का तरफदार बनकर कर रहा है। भारत ने यदि गिलगिट-बाल्टिस्तान के मौसम का हाल बताना शुरू किया तो उसमें गलत क्या है? भारतीय संसद का सर्वसम्मत प्रस्ताव है कि समूचा जम्मू-कश्मीर (जिसमें पीओके शामिल है) भारत का अभिन्न अंग है। पाकिस्तान का पीओके पर कब्जा अवैध है। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पीओके (गुलाम कश्मीर) के उत्तर पश्चिम में स्थित गिलगिट-बाल्टिस्तान को अपना नया सूबा बनाकर वहां चुनाव कराने का आदेश दिया। चीन अपनी वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) योजना के तहत गिलगिट-बाल्टिस्तान को लाना चाहता है। वहां से होकर चीन व्यापारिक व सामरिक उद्देश्यों के लिए सड़क बनाने का इरादा रखता है। पहले भी चीन ने उत्तरी कश्मीर में काराकोरम रोड का निर्माण किया था। यह इलाका पाकिस्तान ने उसके हवाले कर दिया था। पाकिस्तान गिलगिट-बाल्टिस्तान को भी तश्तरी पर रखकर अपने आका चीन को सौंप देगा। पाक ने बलूचिस्तान स्थित ग्वादर बंदरगाह पहले ही चीन को दे रखा है जहां हजारों चीनी इंजीनियर मजदूर व सैनिक तैनात हैं। पहले पाकिस्तान को अमेरिका की काफी मदद थी लेकिन अब चीन ही उसका सबसे बड़ा संरक्षक है। भारत ने नक्शे के साथ पीओके के मौसम का हाल दिखाना शुरू किया तो पाकिस्तान की झल्लाहट देखकर चीन ने भारत को अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी। चीन को याद रखना चाहिए कि आज का भारत 1962 वाली कमजोर स्थिति में नहीं है और वह चीन की बेजा हरकतों को हरगिज बर्दाश्त नहीं करेगा।