कोरोना संक्रमण को लेकर गुजरात की हालत भी अच्छी नहीं है। वहां भी 15,000 से अधिक लोग संक्रमित पाए गए हैं तथा अनेक की मौत हुई है। इतने पर भी प्रधानमंत्री मोदी के इस गृहराज्य में राजनीतिक स्तर पर गजब का मौन व्याप्त है!
कोरोना संक्रमण को लेकर गुजरात की हालत भी अच्छी नहीं है। वहां भी 15,000 से अधिक लोग संक्रमित पाए गए हैं तथा अनेक की मौत हुई है। इतने पर भी प्रधानमंत्री मोदी के इस गृहराज्य में राजनीतिक स्तर पर गजब का मौन व्याप्त है! ऐसा क्यों है कि सत्तारूढ़ भाजपाई नेता और विपक्षी कांग्रेस नेता चुप्पी साधे हुए हैं? कहीं कोई प्रतिक्रिया ही नहीं हो रही है। इससे प्रश्न उठता है कि क्या गुजरात की विजय रूपाणी सरकार बड़ी सक्षमता से स्थिति को संभाल रही है और उसने प्रशासन को मुस्तैद बना रखा है अथवा उसकी कमजोरियों और अव्यवस्था पर कोई उंगली ही नहीं उठाना चाहता? यदि बीजेपी नेता खामोश हैं तो कम से कम कांग्रेस तो जनहित में विपक्ष की सार्थक भूमिका अदा करे। सरकार और उसके प्रशासन की गलतियां सामने लाए और कोरोना आपदा से निपटने के सार्थक उपाय सुझाए। आश्चर्य का विषय है कि कांग्रेस की गुजरात में ऐसी निष्क्रियता पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी की कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं है? इसी तरह गुजरात के कद्दावर कांग्रेस नेता अहमद पटेल भी कुछ नहीं कह रहे हैं। यह मौन अत्यंत रहस्यमय है। जनप्रतिनिधियों का ऐसा रुख हैरत में डालने वाला है। कोरोना के अलावा परप्रांतीय मजदूरों व कारीगरों की वापसी का मुद्दा भी तो काफी ज्वलंत है। सूरत की टेक्सटाइल मिलों में अथवा हीरा पालिश उद्योग में काम करने वाले मजदूर और कारीगर जब राजस्थान, यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश जाने के लिए पैदल निकल पड़े तो उसे लेकर गुजरात के भाजपा व कांग्रेसी विधायकों की कोई उल्लेखनीय प्रतिक्रिया नजर नहीं आई। किसी ने इस मानवीय त्रासदी पर दो शब्द भी नहीं कहे। क्या वहां के विधायक व नेता किसी दबाव में हैं या ऐसे नाजुक मौके पर जानबूझकर खामोशी अख्तियार किए हुए हैं? कम से कम विपक्ष का तो कर्तव्य है कि वह सरकार के कार्यकलापों पर सजगता से निगाह रखे और उसकी कमजोरियों को खुलकर उजागर करे। बीच में यह बात सुनने में आई थी कि रूपाणी सरकार स्थिति को संभालने में विफल है। उनकी बजाय पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को फिर से गुजरात की कमान सौंपी जानी चाहिए। कहीं ऐसा तो नहीं कि अंदर ही अंदर कोई खिचड़ी पक रही हो?