किसी भी नीति का असर तब हो सकता है जब वह अचूक होने के साथ ही समान रूप से पूरे राज्य में लागू की जाए. कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार ने सख्त फैसला लिया है जिसके तहत रेड जोन में आने वाले 18 जिलों में होम क्वारंटाइन पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने घोषित किया कि कोरोना मरीजों को सरकार के क्वारंटाइन सेंटर में जाना होगा. हर उम्र के मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की सुविधा बंद कर दी गई है.
जो लोग पहले से होम आइसोलेशन में हैं, उन्हें निकलने की जरूरत नहीं है लेकिन अब जो नए केस आएंगे, उन्हें होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति नहीं होगी. उन्हें कोविड सेंटर में ही रहना होगा. अभी तक राज्य में उन कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने की छूट थी जो सीरियस नहीं थे और जिनका ऑक्सीजन लेवल 95 से ऊपर था. सरकार का सिर्फ 18 जिलों में होम क्वारंटाइन बंद करने का फैसला हैरान करनेवाला है. यह निर्णय राज्य के सभी 36 जिलों में समान रूप से लागू किया जाना चाहिए. देखा गया है कि चाहे रेड जोन हो या नॉन रेड जोन, हर जगह मरीज घरों में बंद रहने की बजाय आसानी से बाहर घूमते हैं और सुपर स्प्रेडर बनकर जाने-अनजाने में बाकी लोगों में कोरोना संक्रमण फैलाते हैं. इस तरह के लापरवाह लोगों के प्रति समूचे राज्य में कड़ाई बरतनी होगी. ऐसे मरीज बाहर घूमकर कोरोना नियंत्रण के सरकारी प्रयासों पर पानी फेर देते हैं.
रेड जोन में पुणे, अहमदनगर, रायगड़, उस्मानाबाद, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर, सोलापुर, सातारा, बीड, सांगली, नागपुर, यवतमाल, अमरावती, अकोला, वाशिम, बुलढाणा, गडचिरोली जिलों का समावेश है. रेड जोन के होम क्वारंटाइन में रहने वाले मरीजों के समान ही नॉन रेड जोन के होम आइसोलेशन मरीजों का स्वच्छंद घूमना समान रूप से घातक है. यदि कोरोना नियंत्रण के प्रयासों को सफल बनाना है तो सरकार को होम क्वारंटाइन नियमों को लेकर राज्य के सभी जिलों के लिए एक सरीखी सख्त नीति लागू करनी होगी.