Digvijaya Singh
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    निहायत बेतुकी बयानबाजी कर कांग्रेस पार्टी के लिए मुसीबत पैदा कर देना दिग्विजय सिंह का स्वभाव रहा है. वे पहले भी अपने अनर्गल उद्गारों से पार्टी को असमंजस की स्थिति में डालते रहे हैं. जिन विवादास्पद मुद्दे पर पार्टी मौन रहकर संयम बरतना चाहती हैं उन पर दिग्विजय सिंह बेबाकी से बयान दे देते हैं. दिल्ली में आतंकवादियों से मुठभेड़ में मारे गए जांबाज इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की शहादत पर सवाल उठाते हुए दिग्विजय ने अप्रिय बयानबाजी की थी.

    अब क्लब हाउस चैट में उन्होंने एक पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल के जवाब में कह दिया कि अगर केंद्र में कांग्रेस सरकार सत्ता में आई तो हम जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने के फैसले पर फिर से विचार करेंगे और इसे लागू करेंगे. यह कैसा विचित्र बयान हैं? क्या ऐसा कहने से पहले दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की राय ली थी? दिग्गी राजा के इस बयान से बीजेपी को कांग्रेस की तीखी आलोचना करने का मौका मिल गया. जम्मू-कश्मीर को भारत की मुख्य धारा में लाने के उद्देश्य से संविधान के अस्थायी प्रावधान अनुच्छेद 370 को संसद में बहुमत से रद्द किया गया. यह ऐसा अनुच्छेद था जो जम्मू-कश्मीर को देश के अन्य राज्यों से अलग विशेष राज्य का दर्जा देकर अलगाव बढ़ाता था.

    अनुच्छेद 370 व 35 ए हटाने का उद्देश्य अलगाववाद और आतंकवाद पर रोक लगाना भी था. राष्ट्रहित में उठाए गए सही कदम के प्रति दिग्विजय सिंह विरोध जता रहे हैं. इस बयान से पाकिस्तान का स्टैंड मजबूत होगा जो 370 को समाप्त करने से तिलमिलाया हुआ है. दिग्विजय के बयान का जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला ने समर्थन किया. इस तरह के बयान से उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के अलावा हुर्रियत नेताओं के हौसले भी बढ़ेंगे. दिग्विजय सिंह अपने बीजेपी विरोध में ऐसी बातें हरगिज न करें जो राष्ट्रहित के खिलाफ हों.