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    महाराष्ट्र की सत्ता हाथ से निकलने के बाद से बीजेपी लगातार कमजोर हाती जा रही है. पिछले माह सांगली-मिरज कुपवाड़ महानगरपालिका में एनसीपी ने कब्जा कर लिया था और अब जलगांव में शिवसेना ने बीजेपी को जमकर पछाड़ा है. शिवसेना ने असंतुष्टों की मदद लेकर बीजेपी से जलगांव मनपा की सत्ता छीनने में कामजबी हासिल की.

    शिवसेना की इस जीत से बीजेपी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री गिरीश महाजन को करारा झटका लगा है. बीजेपी ने वरिष्ठ नेता एकनाम खड़से की जिस तरह लगातार उपेक्षा की उसका नतीजा उसे भुगतना पड़ रहा है. खड़से की जलगांव में जबरदस्त पकड़ है. उनके एनसीपी में शामिल होने के बाद से जिले के राजनीतिक समीकरण बदल गए. जलगांव महापालिका में बीजेपी का पूर्ण बहुमत होने के बावजूद उसे धराशायी करने की रणनीति सिर्फ 10 दिनों के भीतर एकनाथ खड़से, एकनाथ शिंदे और पालक मंत्री गुलाबराव पाटिल ने मिलकर तैयार की जो सफल रही. 75 सदस्यीय जलगांव मनपा के चुनाव में शिवसेना ने यह मुकाबला 45 विरुद्ध 30 के अंतर से जीता.

    महापालिका में बीजेपी के मजबूत बहुमत को देखते हुए महापौर और उपमहापौर चुनाव निर्विरोध होने की संभावना जताई जा रही थी लेकिन 5 दिन पहले बीजेपी में दरार के संकेत मिले थे. शिवसेना मौके का फायदा उठाते हुए बीजेपी पाषिद कुलभूषण पाटिल व अन्य की मदद से बीजेपी को झटका दिया. शिवसेना ने मेयर पद के लिए जयश्री महाजन व डिप्टी मेयर के लिए कुलभूषण पाटिल की उम्मीदवारी घोषित की जबकि बीजेपी ने इन पदों के लिए क्रमश: प्रतिभा कापसे और सुरेश सोनवणे को मैदान में उतारा. इस चुनाव में शिवसेना को असरुद्दीन औवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का भी साथ मिला. जलगांव मनपा में शिवसेना की जीत से महाविकास आघाडी के तीनों घटक दलों के नेता कर्यकर्ताओं में उत्साह देखा जा रहा है. आघाड़ी नेताओं का कहना है कि यही जलगांव पैटर्न पूरे महाराष्ट्र में दोहराया जाएगा.