जीवनरक्षा की डोज बनाने वाली फैक्टरी में ही हादसा

इस अग्निकांड में 5 लोगों की मौत हो गई.

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कोरोना वारयस की वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ बनाने वाले पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में भीषण अग्निकांड के पीछे कोई साजिश का अंदेशा हो सकता है. ऐसे अत्यंत महत्वपूर्ण संस्थान की कड़ी सरक्षा रहनी चाहिए थी लेकिन लगता है कि कहीं कोई चूक रह गई. उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के अनुसार, आग की घटना उसी इमारत में हुई जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविशील्ड टीके की तैयारी का जायजा लिया था.

इस अग्निकांड में 5 लोगों की मौत हो गई. इनमें पुणे के 2, यूपी के 2 तथा बिहार का 1 व्यक्ति शामिल था. ये सभी मजदूर बताए जाते हैं. 6 मजदूरों को बचा लिया गया. मुख्य दमकल अधिकारी के अनुसार जिस जगह आग लगी, वहां कोई बड़ी मशीनें नहीं थीं. कुछ फर्नीचर केबिन आदि थे. शुरुआती जांच से पता चला है कि वहां चल रहे वेल्डिंग के काम की वजह से आग लगी. अजीत पवार ने कहा कि अलग-अलग टीमें जांच करेंगी. इसके बाद ही पता चलेगा कि सुरक्षा नियमों का पालन हुआ था या नहीं.

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के अनुसार आग उस इमारत में नहीं लगी जहां कोरोना वैक्सीन तैयार की जा रही है. आग से वह इमारत प्रभावित हुई है जहां बीसीजी टीके तैयार किए जाते हैं. स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि मांजरी के नए प्लांट की इमारत में रोटा वायरस प्लांट का काम चल रहा था. यहां वेल्डिंग के स्पार्क ज्वलनशील सामग्री के संपर्क में आने से आग लगी.

इमारत का फायर ऑडिट भी किया जाएगा. सीरम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने बताया कि जहां कोरोना की वैक्सीन का उत्पादन हो रहा है, वह जगह पूरी तरह सुरक्षित है. आग वहां से करीब 1 किलोमीटर दूर लगी थी. इमारत की तीसरी मंजिल पर बीसीजी वैक्सीन की लैब है, वह भी पूरी तरह सुरक्षित है. उन्होंने सरकार व जनता को भरोसा दिलाया कि कोविशील्ड का उत्पादन नहीं रुकेगा और प्रभावित भी नहीं होगा.

आपात स्थिति में टीके के उत्पादन के लिए कुछ अतिरिक्त परिसर पहले से आरक्षित रखे गए हैं. इन सारे बयानों के बावजूद वैक्सीन निर्माण स्थलों पर कड़ी सुरक्षा व सावधानी रखी जानी चाहिए. भारत में हमारे वैज्ञानिकों द्वारा रिकॉर्ड समय में किफायती वैक्सीन उत्पादन से विश्व के कितने ही देशों को ईर्ष्या हुई होगी और ऐसी ताकतें कोई भी साजिश कर सकती हैं.