Football lost hand of God-diego-maradona

विश्व फुटबाल में दो बड़े नाम थे ब्राजील का पेले और अर्जेंटीना का डिएगो माराडोना.

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विश्व फुटबाल में दो बड़े नाम थे ब्राजील का पेले और अर्जेंटीना का डिएगो माराडोना. अपने खेल से दांतो तले उंगली दबाने को मजबूर कर देनेवाला माराडोना एक चमत्कारी और महान खिलाड़ी था. 5 फुट 4 इंच ऊंचे घुंघराले बाल वाले माराडोना ने अकेले दम पर 1986 में फुटबाल का वर्ल्ड कप अर्जेंटीना को जिताया. सन 2000 में फीका ने फुटबाल के 2 महानतम खिलाड़ियों के रूप में माराडोना और पेले का नाम घोषित किया था. माराडोना का खेल आश्चर्यजनक और चौकानेवाला था. आश्चर्य है कि विश्व व्यापी शोहरत और दौलत हासिल करने के बाद यह खिलाड़ी डिप्रेशन में क्यों चला गया? माराडोना के 60वें जन्म दिन के 3 दिन बाद उसे अस्पताल में दाखिल किया गया जहां डाक्टरों ने बताया कि वह डिप्रेशन, डिहाइड्रेश्न और एनीमिया से पीड़ित है. सिर में लगी किसी पुरानी चोट की वजह से उसके मस्तिष्क की कोसिकाओं में भी खुन जमा हो गया था. वह ड्रग और अल्कोहल के नशे का आदी हो गया था. अप्रैल 2004 में जब माराडोना ो अस्पताल में दाखिल किया गया था तो डाक्टरों ने कहा था कि उसका दिल कमजोर हो गया है तथा उसे सांस लेनें में दिक्कत होती है. वह मनोचिकित्सा के लिए अस्पताल में भर्ती हुआ और फिर हवाना (क्यूबा) में पुनर्वास के इलाज (रिहैविलिटेशन ट्रीटमेंट) के लिए गया. एक जीनियस खिलाड़ी की ऐसी दशा सचमुच चिंताजनक थी. एक समय ऐसा था कि 10 नंबर जर्सी वाले माराडोना को गोल्डन ब्वाय कहा जाता था और फुटबाल के चहेते उसे इस खेल का जादूगर मानते थे. फुटबाल उनके इशारे पर नाचनाथा. माराडोना ने 1986 में इंग्लैंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में जो दूसरा गोल बनाया था वह फीका का गोल आफ दि सेंचुरी कहलाया. उसका पहला गोल हैंड आफ गॉड (भगवान का हाथ) नाम से जाना जाता है. उस समय बॉल उनके बाएं हाथ से टकराई थी लेकिन रेफरी को लगा कि उनके सिर से टाकराई है. अर्जेंटीना के लिए 91 बार खेलकर माराडोना ने 34 गोल बनाए. उसने 16 बार अर्जेंटीना की टीम की विश्व कप में कप्तानी की यह एक रिकार्ड है. माराडोना के शब्द थे- मैं गोल बनाता हूं, गलतियां करता हूं मेरे कंधे इतने बड़े हैं कि किसी से भी भिड़ सकता हूं. गेंद को देखकर उसके पीछे दौड़ना मुझे संसार का सबसे प्राणी इंसान बना देता है. अपनी क्षमताओं को लेकर माराडोना आत्म मुग्ध था. उसने कहा था कि मैं खुश हूं कि फुटबाल के जरिए लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला सका. इस बात को लेकर कोई विवाद नहीं है कि विश्व में सर्वश्रेष्ठ फुटबालर कौन है? मैं या पेले? हर कोई सिर्फ मेरा ही नाम लेगा. उनके निधन पर पेले ने कहा कि एक दिन स्वर्ग में कहीं माराडोना के साथ फुटबाल खेलूंगा. इंटरनेशनल फुटबाल एसोसिएशन द्वारा कराए गए सर्वे में माराडोना को 20वीं सदी का शीर्ष खिलाड़ी चुना गया था.