एक बार फिर कोरोना (Coronovirus) का प्रकोप बढ़ा है जिसे देखते हुए अधिकतम सावधानी बरतने की आवश्यकता है. विदर्भ के 3 जिलों अमरावती (Amravati), अकोला (Akola) और यवतमाल (Yavatmal Curfew) में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया है जिसके मुताबिक 5 से अधिक लोग एक जगह जमा नहीं हो सकेंगे, मेडिकल शॉप छोड़ कर बाकी दुकानें शाम 7 बजे तक ही खुली रहेंगी. विवाह में अधिकतम 50 लोगों को ही मौजूद रहने की अनुमति होगी. जुलूस व रैली पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.
जबसे कोरोना के मामलों में कमी आई थी लोग काफी बेफिक्र हो गए थे. मास्क न पहनने की वजह से कितने ही लोगों पर जुर्माना भी हुआ. वैज्ञानिक और स्वास्थ्य विशेषज्ञ तभी से चेतावनी दे रहे थे कोरोना वायरस का कोई भरोसा नहीं है यह फिर बदले हुए रूप के साथ वापस आ सकता है. अन्य देशों में नए स्ट्रेन के साथ वायरस लौट आया और हालात सामान्य होने की उम्मीदें धरी की धरी रह गईं. लोगों को लापरवाही बरतना महंगा पड़ रहा है. पहले तो कोरोना पीड़ितों की तादाद घट गई थी लेकिन ग्राम पंचायत चुनाव के बाद संक्रमण बढ़ने लगा. हालत यह है कि राकां के प्रदेश अध्यक्ष व जल संवर्धन मंत्री जयंत पाटिल तथा अन्न व औषधि प्रशासन मंत्री राजेंद्र शिंगणे (Rajendra Shingne) भी पाजिटिव पाए गए.
राकां के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से को तीसरी बार कोरोना हुआ है. दिल्ली में किसान आंदोलन में शामिल लोग भी कोरोना को लेकर बेफिक्र दिखाई दिए. वहां माक्स या सोशल डिस्टेंसिंग का नामोनिशान भी नहीं था जबकि खतरा कदापि कम नहीं हुआ हे. यह नहीं भूलना चाहिए कि महाराष्ट्र में 20 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ तथा इससे हजारों लोगों की मौत हुई. यह सही है कि पुन: लॉकडाउन की नौबत नहीं आनी चाहिए. आर्थिक गतिविधियों में गिरावट आई तो लोगों को बेरोजगार होना पड़ेगा. 10वीं-12वीं की परिक्षाएं भी निकट हैं. हालात शीघ्र सामान्य होना जरूरी है लेकिन इसके लिए हर किसी को अधिकतम सतर्कता रखनी होगी. टेस्टिंग और मरीज के संपर्क में आए तमाम लोगों की जांच में तेजी लानी होगी. ग्रामीण इलाकों में कोरोना से कितने लोगों की मौत हुई इसका अनुमान नहीं है. वहां भी सजगता जरूरी है जिन्हें वैक्सीन लगी है, वे भी निश्चिंत नहीं हो सकते. उन्हें सुरक्षा उपायों का पालन करते हुए समय पर बूस्टर डोज् लेनी होगी. हर कोई समझ ले कि जब तक है कोरोना महामारी, तब तक मास्क और 6 फुट की दूरी है जरूरी.