स्कूली छात्रों की अश्लील चैट आधुनिक टेक्नॉलाजी का दुरुपयोग

दक्षिण दिल्ली के कुछ प्रमुख स्कूलों के नाबालिग छात्रों ने इंस्टाग्राम ऐप पर ‘बॉयज लॉकर रूम’ नामक ग्रुप बना लिया और अपने साथ पढ़ने वाली छात्राओं को लेकर अश्लील चैट करने लगे।

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आधुनिक टेक्नॉलाजी दुधारी तलवार के समान है। उसके लाभ हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। सर्जन के हाथ का चाकू किसी की जिंदगी बचाता है तो हत्यारे का चाकू किसी की जान ले लेता है। दक्षिण दिल्ली के कुछ प्रमुख स्कूलों के नाबालिग छात्रों ने इंस्टाग्राम ऐप पर ‘बॉयज लॉकर रूम’ नामक ग्रुप बना लिया और अपने साथ पढ़ने वाली छात्राओं को लेकर अश्लील चैट करने लगे। ये लड़के कितनी ही लड़कियों की तस्वीर शेयर करते जिनमें से कई नाबालिग भी होती थीं। उस ग्रुप में लड़कियों से गैंगरेप तक के इरादे जताए गए। यह ग्रुप 1 माह पहले बनाया गया था जिसमें एडमिन समेत 21 लोग शामिल थे। जब स्क्रीन शॉट सामने आए तो पुलिस ने एक 15 साल के लड़के को पकड़ा और उससे ग्रुप के अन्य सदस्यों के बारे में पूछताछ की। ऐसे ही मामले अन्य शहरों में व्हाट्सएप जैसे डिजिटल प्लेटफार्म पर भी हो चुके हैं जिनमें नाबालिग छात्रों ने इस तरह की घृणित चैट की थी। यह मामला पुलिस, अभिभावकों और स्कूल अधिकारियों के लिए चिंता का विषय है कि बच्चे अपना ध्यान पढ़ाई-लिखाई की बजाय ऐसी अनैतिक व आपराधिक बातों पर दे रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान ये किशोर अपने मोबाइल पर क्या कर रहे हैं और ऑनलाइन चैटिंग में कैसी गंदी बातें कर रहे हैं, इस पर क्या अभिभावक नजर रख पाते हैं? बच्चों को पढ़ाई के लिए स्मार्टफोन दे दिया जिसका जिम्मेदारी से इंटरनेट उपयोग करने की बजाय लड़के ऐसी अशोभनीय हरकत करने लगे। यह ऐसे किशोरों की असंवेदनशीलता है जो सुविधाओं के साथ पले हैं। आज की पढ़ाई में मोबाइल व इंटरनेट बेहद जरूरी है लेकिन उसका ऐसा दुरुपयोग होना अत्यंत खेद व चिंता की बात है। विवेकशून्य और संस्कारहीन छात्र कोई भी ऐसा गलत काम कर सकते हैं जिससे उनका भविष्य खतरे में पड़ जाए तथा माता-पिता भी मुंह दिखाने लायक न रहें। ऐसे बच्चे किशोरावस्था के उन्माद में जो गलतियां कर बैठते हैं, वो आजीवन उनके व्यक्तित्व को प्रभावित करती हैं और वे कुंठाग्रस्त हो सकते हैं। स्कूलों को और अभिभावकों को बच्चों को नैतिक शिक्षा व संस्कार प्रदान करने चाहिए। पश्चिमी देशों की मुक्त यौन संबंधों वाली बुराइयां यहां नहीं आनी चाहिए। साइबर सिक्योरिटी को ऐसे मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस ग्रुप के 10 सदस्यों की पहचान हो चुकी है। आईटी एक्ट व आईपीसी में एफआईआर दर्ज की गई है। इंस्टाग्राम प्लेटफार्म से कहा गया है कि ग्रुप में शामिल लोगों के अकाउंट का डिटेल उपलब्ध कराए। ग्रुप में शामिल नाबालिगों पर जुवेनाइल एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। ग्रुप के सदस्यों से अश्लील व यौन हिंसा वाले संवाद के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण बरामद कर लिए गए हैं। इस ग्रुप के लड़कों की हरकतों से लड़कियां बुरी तरह भयभीत थीं। उनकी कहीं कोई गलती नहीं थी। एक ही स्कूल में रहने से पहचान होना स्वाभाविक है परंतु किसी ने सोचा नहीं था कि लड़के ग्रुप बनाकर ऐसी ओछी हरकत करेंगे।