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महिलाओं (Maharashtra govt) पर अत्याचार की बढ़ती घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं. हैवान किस्म के लोग अपहरण, ब्लैकमेलिंग, दुष्कर्म, हत्या, एसिड फेंकना, जिंदा जला देना जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देकर भी सख्त कानून के अभाव में खुले घूमते रहते हैं. पकड़े जाने पर इनकी तुरंत जमानत भी हो जाती है. ऐसे तत्व समाज व मानवता के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं. इस तरह के बढ़ते मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र में भी आंध्रप्रदेश के ‘दिशा कानून’ के समान ही सख्त कानून बनाया जाएगा. राज्य सरकार का इस बारे में गंभीर रुख है.

दिशा कानून के प्रावधानों की जानकारी लेने राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ आंध्रप्रदेश गए थे. महाराष्ट्र मंत्रिमंडल की बैठक में इस कानून के मसौदे को मंजूरी दे दी गई है. महाराष्ट्र में इसे ‘शक्ति कानून’  (Shakti  Act) के नाम से लागू किया जाएगा. यह कानून दरिंदों के लिए काल के समान होगा जिसमें महिलाओं पर होने वाले अत्याचार के मामलों में 21 दिनों के भीतर अदालत फैसला सुना देगी. शक्ति कानून में बच्चों तथा महिलाओं पर अत्याचार और उनके शोषण के आरोपियों को कठोर सजा का प्रावधान रहेगा. महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर सरकार इसी शीतसत्र में इस कानून को लागू करने के लिए कृतसंकल्प है. ऐसे कितने ही मामले होते हैं जब एकतरफा प्रेम का प्रस्ताव ठुकराने पर कोई दुष्ट किसी युवती पर एसिड फेंक देता है या घातक शस्त्र से हमला करता है. कहीं दहेज लोभी लोग बहू पर जघन्य अत्याचार करते हैं या उसे जला देते हैं. इंसान की शक्ल में घूमने वाले ऐसे भेड़ियों को कठोरतम दंड दिए जाने की आवश्यकता है. इस कानून के बन जाने पर उन्हें समझ में आ जाएगा कि दरिंदगी करने का क्या अंजाम होता है! शक्ति कानून के मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैं- दुष्कर्म (Protection of Children from Sexual Offences) (POCSO) के मामले में जमानत नहीं होगी.

विशिष्ट मामलों में सीधे आजन्म कैद या फांसी और जुर्माना होगा. यदि कोई पहचान का व्यक्ति ऐसा अपराध करता है तो उसे आजीवन करावास या मृत्युदंड दिया जाएगा. क्रूर ढंग से अत्याचार किए जाने पर भी फांसी का प्रावधान होगा. सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आरोपियों को 20 वर्ष का कारावास, 10 लाख रुपया जुर्माना या मृत्युदंड दिया जाएगा. जब कानून सख्त होगा और फास्ट ट्रैक कोर्ट में तत्परता से फैसला किया जाएगा तो अपराधियों के मन में दहशत होगी और वे ऐसे अपराध करने से बाज आएंगे. राज्य में शक्ति कानून के तहत 36 स्पेशल कोर्ट बनाए जाएंगे. जिलों में विशेष पुलिस टीम तैनात होगी जिसमें पूछताछ में मदद करने के लिए महिला अधिकारी शामिल होगी. एसिड अटैक पर 10 लाख रुपये जुर्माना वसूला जाएगा जो पीड़िता की प्लास्टिक सर्जरी के लिए होगा.