Dhananjay-Munde

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जब तक कोई आरोप सिद्ध नहीं होता, कानून संबंधित व्यक्ति को बेकसूर मानता है. इसके बावजूद गंभीर आरोप लगने से बदनामी तो होती ही है और व्यक्ति शक के दायरे में आ जाता है. सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे (Dhananjay Munde) पर एक पार्श्वगायिका युवती ने दुष्कर्म का आरोप (Rape Accuse) लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज की है. शिकायत में कहा गया कि मुंडे से उसका परिचय 1997 में इंदौर में उसकी बहन के घर पर हुआ था. 1998 में उसकी बहन से मुंडे का प्रेम विवाह हुआ था. 2006 में जब उसकी गर्भवती बहन प्रसव के लिए इंदौर गई थी तो उस मौके का लाभ उठाकर मुंडे ने उसके साथ रेप किया.

यह सिलसिला हर 2-3 दिन के अंतराल से चलता रहा. इसके वीडियो बनाए गए. कामयाब गायिका बनने के लिए सेलेब्रिटीज, फिल्म निर्माता-निर्देशकों से मुलाकात के साथ बॉलीवुड में अवसरों का सपना दिखाकर दुष्कर्म किया जाता रहा. युवती ने अपनी जान को खतरा बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी, सीएम उद्धव ठाकरे, राकां प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar), सुप्रिया सुले व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी ट्वीट में टैग किया है. जहां तक मुंडे का सवाल है, उन्होंने फेसबुक पोस्ट पर कहा कि यह सभी आरोप गलत हैं. यह सभी  आरोप उन्हें बदनाम करने व ब्लैकमेल करने के लिए लगाए गए हैं. मुंडे ने लिखा कि उसके वर्ष 2003 से शिकायतकर्ता की बहन के साथ संबंध थे. यह बात उनकी पत्नी, मित्रों व परिजनों को भी पता थी.

इस संबंध से उन्हें एक लड़का व लड़की भी है. मुंडे ने कहा कि उनके परिजन, पत्नी और बच्चे भी इस महिला के बच्चों को अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं. वह मेरे बच्चों की मां होने से सभी देखभाल की जिम्मेदारी मैंने ले रखी है. मुंडे ने कहा कि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है और समझौते के प्रयास भी जारी हैं. महाराष्ट्र सरकार के एक मंत्री पर दुष्कर्म जैसा संगीन आरोप लगने के बाद अब सभी की निगाहें इस ओर लगी हैं कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस मामले में क्या रुख अपनाते हैं? क्या सरकार की गरिमा व प्रतिष्ठा को देखते हुए मुंडे को सरकार से हटा दिया जाएगा या फिर मामला अदालत के विचाराधीन होने से उसका निर्णय आने तक कोई फैसला नहीं किया जाएगा? जब किसी नेता के चरित्र से जुड़ा कोई आपत्तिजनक आरोप सामने आए तो उसे स्वयं ही पद से इस्तीफा देकर जांच में सहयोग करना चाहिए.