कोरोना संकट के दौरान ऐसे डिजिटल लेंडिंग एप्स की बाढ़-सी आ गई है.
यद्यपि भारतीय रिजर्व बैंक किसी को भी तब तक महाजनी या साहूकारी करने की अनुमति नहीं देता जब तक कि ऐसा व्यक्ति या संस्था किसी बैंक, नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कारपोरेशन या राज्य सरकार के पास साहूकार के रूप में पंजीकृत न हो. लेकिन इस नियम की कोई परवाह न करते हुए बहुत से फटाफट कर्ज देने वाले डिजिटल एप्स सामने आ गए हैं. कोरोना संकट के दौरान ऐसे डिजिटल लेंडिंग एप्स की बाढ़-सी आ गई है. ये लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं और बाद में कर्ज की मूल रकम पर 20 से 50 प्रतिशत तक ब्याज वसूल करते हैं.
यहां तक नौबत आई कि कुछ लोगों ने इनकी धमकी और अपमानजनक व्यवहार से घबराकर आत्महत्या कर ली. ये कर्ज देने वाले (लेंडिंग) एप्स के पास कर्जदार के कॉल रिकार्ड्स, कांटैक्ट बुक और फोटो आर्काइव्स भी रहते हैं. वे जिसे कर्ज देकर अपने जाल में फंसाते हैं, उसे बदनाम करने की धमकी देते हैं और हर प्रकार से आतंकित करते हैं. आसानी से कर्ज मिल जाने के कारण जरूरतमंद लोग इन एप्स के जाल में फंस जाते हैं. जिन लोगों की बैंक से कर्ज लेने की पहुंच नहीं है अथवा जिन्हें पैसे की तत्काल जरूरत है, वे ऐसे एप्स से कर्ज लेते हैं और फिर भारी मुसीबत में फंस जाते हैं.
कर्जदार से अमानवीय तरीके से पेश आने, घर में घुसकर उसका सामान उठा ले जाने जैसी हरकतें की जाती हैं. नियमों से बचने के लिए डिजिटल कर्जदाता एप्स किसी बैंक या एनबीएफसी से सेलिंग एजेंट के रूप में अनुबंध कर लेते हैं. रिजर्व बैंक ने इस समस्या से निपटने के लिए जून 2020 में निर्देश दिया था कि किसी भी डिजिटल लेंडर को उस बैंक या एनबीएफसी का नाम जाहिर करना होगा, जिसके जरिए वह कर्ज दे रहा है. इतने पर भी ये डिजिटल एप मनमानी कर रहे हैं. जो व्यक्ति इन एप्स से कर्ज लेता है, वह कोई परेशानी आने पर अपनी शिकायत रिजर्व बैंक या उसके अवेयरनेस प्लेटफार्म ‘सचेत’ पर कर सकता है.
रिजर्व बैंक ने कर्ज लेने वालों को सतर्क किया है कि वे इस बात की जांच-पड़ताल कर लें कि लेंडिंग एप उन्हें किस बैंक या एनबीएफसी की ओर से कर्ज दे रहा है. आरबीआई के वेबसाइट पर 12 प्रकार की एनबीएफसी हैं तथा निवेश व क्रेडिट यूनिट के तौर पर 9200 फर्म्स अधिसूचित हैं. ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए यह उचित होगा कि केंद्र सरकार व रिजर्व बैंक सक्रियतापूर्वक लेंडिंग एप्स पर निगाह रखने के लिए एप्पल व गूगल से कहें. ये प्लेटफार्म देखें कि कहीं कोई गलत काम तो नहीं हो रहा है!