- नागपुर का भी समावेश हो
बहुत लंबे समय से यह तर्कसंगत मांग की जाती रही है कि भारत जैसे 135 करोड़ की आबादी वाले बड़े देश में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की जगह-जगह नई बेंचेस बनाई जानी चाहिए क्योंकि दूर-दूर से दिल्ली आकर न्याय पाने में लोगों को काफी हलाकानी व आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ता है. अब यह अच्छा ही हुआ कि इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए संसद की स्थायी समिति ने अपनी 107वीं रिपोर्ट में सिफारिश की है कि दिल्ली के अलावा मुंबई, कोलकाता व चेन्नई जैसे महानगरों में भी सुप्रीम कोर्ट की नई बेंच स्थापित की जानी चाहिए. सरकार चाहे तो यह शीघ्रताशीघ्र हो सकता है.
वैसे देखा जाए तो इतना ही काफी नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट की कम से कम 5 बेंच जरूरी है. उत्तर, दक्षिण, पूर्व पश्चिम के साथ देश के मध्य का भी स्टैंडिंग कमेटी को विचार करना चाहिए. जीरो माइल के शहर नागपुर (Nagpur) में सुप्रीम कोर्ट की बेंच अत्यंत आवश्यक है इसमें छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) तथा पूर्व महाराष्ट्र के लोगों की जरूरत पूरी होगी और उन्हें किसी अपील के सिलसिले में दिल्ली जान की जहमत नहीं उठानी पड़ेगी. इसके अलावा गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना के लोगों को भी नागपुर बेंच में आना आसान रहेगा. नागपुर में सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ स्थापित करने की मांग आजादी के बाद से चली आई है. महाराष्ट्र के कई सांसद इस मुद्दे को उठा चुके हैं. 1 मार्च 2007 को चंद्रपुर के लोकसभा सदस्य हंसराज अहीर ने नागपुर में सुप्रीम कोर्ट की बेंच स्थापित करने की मांग करते हुए कहा था कि मध्य और दक्षिण भारत के लोगों को दिल्ली आकर न्याय पाने में काफी तकलीफ व आर्थिक बोझ उठाना पड़ता है.
चूंकि नागपुर देश के केंद्र में है इसलिए महाराष्ट्र, (Maharashtra) छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी के लोगों को इससे लाभ होगा व काफी सहूलियत होगी. इन सभी राज्यों के लोगों के लिए दिल्ली दूर है जबकि नागपुर पहुंचना सुविधाजनक है. सुप्रीम कोर्ट में अभी भी जजों के पद रिक्त हैं और वहां महिला जज भी केवल 1 ही रह गई है. नई बेंच गठित करने से रिक्तियां पूरी करने के अलावा जजों की संख्या बढ़ाने का प्रावधान करना भी जरूरी हो जाएगा. न्यायदान के व्यापक हित में देश में सुप्रीम कोर्ट की 5 नई बेंचेस बनाई जाएं.