20 अरब का प्रावधान अब नेपाल में भी राम मंदिर

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    यदि भारत में अयोध्या की राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है तो नेपाल भी अपने यहां ऐसा ही या उससे भी भव्य राम मंदिर बनाने में क्यों पीछे रहे! आस्था बड़ी चीज है. नेपाल सरकार ने अपने देश के चितवन जिले की अयोध्यापुरी में राम मंदिर के निर्माण के लिए 20 अरब रुपए जारी किए हैं. भारत में लोग इस बात से चकित होंगे कि नेपाल में अयोध्यापुरी कहां से आ गई? कहा गया है- हरि अनंत हरि कथा अनंता, कहहिं सुनहिं बहुबिधि सब संता! इंडोनेशिया वाले मानते हैं कि राम का जन्म उनके देश में हुआ.

    वहां भी ‘अजुध्या’ नामक स्थान है और वहां की रामायण ‘रामकेन’ कहलाती है. विश्व के अनेक देशों यहां तक कि अमेरिका और ब्रिटेन में भी हिंदू मंदिर हैं, इसलिए नेपाल भी यदि 20 अरब रुपए की लागत से राम मंदिर बनवाता है तो उसकी मर्जी! नेपाल में जनकपुर भी है. वह मानता है कि सीता नेपाली राजकुमारी थीं. भारत में सभी की धारणा है कि जनक मिथिला के राजा थे और मिथिला बिहार में है. जानकी या सीता वहीं की थीं. नेपाल सदियों तक भारत का हिस्सा ही रहा. वह विश्व का एकमात्र घोषित तौर पर हिंदू राष्ट्र था लेकिन जब कम्युनिस्ट सत्ता में आए तो उन्होंने इस घोषणा को स्वीकार नहीं किया. अब भी नेपाल में केपी शर्मा ओली और पुष्प कमल दहल प्रचंड की कम्युनिस्ट पार्टियां राजनीतिक तौर पर शक्तिशाली हैं. फिलहाल ओली नेपाल की अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं.

    आश्चर्य इस बात का है कि धर्म को अफीम के समान कहने वाले नास्तिक कम्युनिस्टों को राम मंदिर का निर्माण कैसे हजम होगा! उनकी आस्था न भी हो तो क्या, जन आस्था का ध्यान तो रखना ही पड़ता है. राजनीतिक संकट के बीच भी नेपाल सरकार धर्मस्थलों के संरक्षण व निर्माण पर धन खर्च करने जा रही है. पशुपतिनाथ मंदिर की मरम्मत के लिए 35 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं जो कि यूनेस्को की विरासत सूची में शामिल है. भारत में भी मान्यता है कि भगवान शिव पांडवों को दर्शन देना नहीं चाहते थे क्योंकि उन्होंने अपने बंधु कौरवों की हत्या की थी. जब पांडव केदारनाथ पहुंचे तो शिव भैंसे का रूप लेकर जमीन में समाने लगे. भीम ने उनका पृष्ठभाग पकड़ लिया जो केदारनाथ है और शिव का अग्रभाग नेपाल के पशुपतिनाथ में प्रकट हुआ.