नया वर्ष नई कल्पना, उमंग और उत्साह को लेकर अवतरित हुआ है.
नया वर्ष नई कल्पना, उमंग और उत्साह को लेकर अवतरित हुआ है. अब हर किसी को निराशा से उबरकर रचनात्मक व आशावादी सोच को अपनाना है. राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने सार्थक संदेश देते हुए लिखा था- नर हो, न निराश करो मन को! जिस इंसान ने सागर की अथाह गहराइयों में पैठ की और हिमालय के उत्तुंग शिखरों का आरोहण किया व अंतरिक्ष की उंचाइयों को छुआ, उसके हताश होने का कोई कारण ही नहीं. 2020 का वर्ष अतीत बन चुका, अब उसके लिए चिंता में डूबने की कोई आवश्यकता नहीं है.
गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है कि विगत का शोक मत करो, वह तो बीत चुका, वर्तमान का विचार करो. यह सच है कि पिछला वर्ष समूचे विश्व के लिए बेहद कठिनाई भरा रहा. कोरोना काल बनकर आया. समूचे विश्व को स्वास्थ्य ही नहीं, अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भी गंभीर चुनौतियों को झेलना पड़ा. गत वर्ष सीएए के विरोध में शाहीनबाग धरना, अनुच्छेद 370 की समाप्ति, तीन तलाक विरोधी बिल का पास होना जैसी उल्लेखनीय घटनाएं रहीं. राम जन्मभूमि के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का बहुप्रतीक्षित ऐतिहासिक फैसला आया. कोविड-19 की वजह से लगाए गए लॉकडाउन से बेरोजगारी का संकट आ पड़ा.
प्रवासी मजदूरों का बुरा हाल हुआ. मोदी सरकार के आकस्मिक और सख्त निर्णयों से जनजीवन प्रभावित हुआ. कृषि कानून बगैर बहस के जल्दबाजी में पारित किए गए. इनके विरोध में जारी किसान आंदोलन का कोई समाधान अब तक नहीं हो पाया है. चीन ने लद्दाख में घुसपैठ की. गलवान घाटी के संघर्ष के बाद भारत ने अपनी रक्षा तैयारियां बढ़ा दी हैं.
पड़ोसी देश नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता व्याप्त है. चीन-पाकिस्तान से लगी सीमा पर अशांति बनी हुई है. इस समूचे परिप्रेक्ष्य के साथ नव वर्ष की शुरुआत हुई है. इससे उम्मीद करनी चाहिए कि समस्याएं सुलझेंगी और जिंदगी पुन: पटरी पर लौटेगी. इतने पर भी कोरोना का नया स्ट्रेन चिंता बढ़ाने वाला है और पूरी सतर्कता व सावधनी रखते हुए मास्क, सैनिटाइजर, बार-बार हाथ धोने और 2 गज दूरी रखने का क्रम आगे भी जारी रखना होगा. हर नवीन वर्ष कुछ न कुछ नई चुनौतियों को लेकर आता है.
कोरोना काल में भी बिहार के चुनाव हुए, कश्मीर में जिला विकास परिषद के चुनाव से लोकतंत्र की प्रतिबद्धता पर मुहर लगी. अब नए वर्ष की पहली तिमाही में बंगाल व तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है. इसके अलावा कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता का इंतजार है जो शुरुआती दौर में कोरोना वारियर, डॉक्टर, नर्स, पुलिस, स्वच्छताकर्मियों को लगाई जाएगी. हर किसी को हौसला रखना चाहिए कि आगे जो भी होगा, अच्छा ही होगा. नव वर्ष हर किसी के जीवन में खुशियों की सौगात लाए, यही अभीष्ट चिंतन है.