9/11 attacks: PM Modi said – a date that is remembered in the history of the world as an attack on humanity, same date has also taught us humanitarian values
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक में यह चेतावनी देते हुए कि कोरोना(Coronavirus) का यह दूसरा दौर है, स्पष्ट कर दिया कि इसकी वैक्सीन (COVID-19 vaccine) कब आएगी यह निश्चित नहीं है.  उन्होंने कहा कि कोरोना संकट एक राष्ट्रीय समस्या है जिस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. पीएम ने साफ शब्दों में कहा कि वैक्सीन बनाने का कार्य किसी सरकार का नहीं बल्कि वैज्ञानिकों का है. यह कब आएगी, वैज्ञानिक ही बता सकते हैं. वैक्सीन आने के बाद उसकी डोज और दाम को लेकर कोई निर्णय किया जाएगा. सरकार वैक्सीन के विकास पर नजर रखे हुए हैं. प्रधान मंत्री ने राज्यों को 2 लक्ष्य दिए. पहला- कोरोना से मरने वालों की दर 1 प्रतिशत से नीचे लाना और दूसरा- संक्रमण के फैलाव को 5 प्रतिशत से कम करना.

उन्होंने हरियाणा, दिल्ली, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, गुजरात व बंगाल में अधिक सतर्कता बरतने के निर्देश दिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि इन राज्यों से पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने मुख्यमंत्रियों को स्थिति की गंभीरता पर ध्यान देते हुए प्रभावी रणनीति बनाने और ज्यादा से ज्यादा आरटी-पसीसीआर टेस्ट कराने को कहा जो कि नतीजों के लिहाज से ज्यादा सटीक होते हैं. प्रधानमंत्री ने हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर को उस समय टोक दिया जब वह बता रहे थे कि हरियाणा में किस तरह केटैक्ट ट्रेसिंग की गई. पीएम ने कहा कि सारे आंकड़े हमारे पास हैं. आप वह रणनीति बताइए जो आपने कोरोना का फैलाव रोकने के लिए बनाई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शिकायत की कि दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने की वजह से कोरोना संक्रमण का प्रसार तेज हुआ है. उन्होंने मोदी सरकार से आग्रह किया कि केंद्र के अस्पतालों में 1,000 आईसीयू बिस्तर दिल्ली के मरीजों के लिए आरक्षित किए जाएं.

पीएम की मुख्य मंत्रियों के साथ बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल थथे. उन्होंने बैठक के दौरान ऐसे तौर तरीक सुझाए जिनसे कोरोना से होने वाली मौत दर 1 प्रतिशत तथा संक्रमण् की दर 5 प्रतिशत से कम करने में मदद मिल सकती है. वैक्सीन आ जाने के बाद सरकार के लिए टीका प्रबंधन एक चुनौती बन सकता है क्योंकि एक टीका लगवाने के बाद दूसरा टीका नहीं लगवाने वाला व्यक्ति संक्रमण का स्त्रोत बन सकता है. केंद्र सरकार ओर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को यह अधिकार है कि वह लोगों को समय पर दोनों टीके लगवाने के लिए बाध्य कें. सुदूर ग्रामीण व आदिवासी क्षेत्रों तक कोल्ड चेन बनाए रखते हुए वैक्सीन पहुंचाने व लगाने की चुनौती भी रहेगी.