Rahul Gandhi
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    बीजेपी नेता सुनियोजित ढंग से देशवासियों के बीच यह दुष्प्रचारित करते रहे हैं कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी नासमझ हैं. प्रधानमंत्री मोदी का महिमा मंडन तो ठीक है लेकिन राहुल को नाकारा बताना कुछ वैसा ही है जैसे अपनी लकीर बड़ी करने की बजाय दूसरे की लकीर को मिटाकर छोटा करना! राहुल गांधी के अनेक बयान तथ्यात्मक रहते हैं. उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर के बारे में सरकार को पहले ही सचेत कर दिया था. अभी राहुल ने कोरोना संकट की भीषणता को देखते हुए समझदारी दिखाई और बंगाल की अपनी सारी रैलियां रद्द कर दीं. इस तरह उन्होंने राजनीति से ज्यादा तवज्जो इंसानी जिंदगी को दिया. 

    राहुल गांधी ने सभी राजनीतिक नेताओं से अपील की कि वह कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अपनी चुनावी रैलियों को रद्द करने पर विचार करें. राहुल ने तो विवेक का परिचय दिया लेकिन क्या बीजेपी मानवता के सरोकारों को समझेगी? एक ओर प्रधानमंत्री मोदी ‘दो गज की दूरी-मास्क जरूरी’ का संदेश देते हैं, वहीं उनकी रैलियों में उमड़ने वाली भारी भीड़ में कोई मास्क नहीं लगाता या फिर कुछ लोग गले में लटकाए रहते हैं. अमित शाह भी विपक्ष मुक्त देश बनाने की चाह में बंगाल में दनादन रैली किए जा रहे हैं. बंगाल का किला फतह करने के उन्माद में बीजेपी नेताओं को कोरोना की महाविनाशक दूसरी लहर की कोई चिंता नहीं है. 

    बीजेपी को सभाओं व रोड शो में केंद्र सरकार द्वारा जारी कोरोना सुरक्षा नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. सोशल मीडिया पर बिना मास्क वाली रैलियों के फोटो और वीडियो जमकर शेयर किए जा रहे हैं. बंगाल में 3 चरण का मतदान बाकी है. इसके प्रचार के लिए प्रधानमंत्री मोदी की 5 चुनावी रैलियां अभी बाकी हैं. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा व अन्य केंद्रीय मंत्रियों व नेताओं की रैलियां व रोड शो भी प्रस्तावित हैं. राहुल गांधी ने एक दिशा दिखाई है व कहा है कि राजनीतिक दलों को सोचना चाहिए कि ऐसे संकट के समय इन रैलियों से जनता और देश को कितना खतरा है!