Why did Ashwani Kumar commit suicide

नगालैंड के पूर्व राज्यपाल अश्वनी कुमार की आत्महत्या रहस्यमय व स्तब्ध कर देने वाली है.

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नगालैंड के पूर्व राज्यपाल अश्वनी कुमार की आत्महत्या रहस्यमय व स्तब्ध कर देने वाली है. जो व्यक्ति सीबीआई और एसपीजी में प्रमुख पदों पर रहा और फिर गवर्नर बनाया गया, वह निश्चित रूप से मजबूत इरादों व इच्छाशक्ति वाला रहा होगा. ऐसा सख्त किस्म का इंसान भावुकतावश या अवसाद में आकर खुदकुशी तो कर नहीं सकता! तो क्या यह जीवन में सब कुछ हासिल कर लेने की पूर्णता की भावना आने के बाद उठाया गया कदम है? जिंदगी किसे प्यारी नहीं होती, लेकिन कुछ ऐसा भी लोग होते हैं जो स्वेच्छा से मरण स्वीकार करते हैं. कोई अन्न-जल त्याग देता है तो कोई औषधियां लेने या लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रहने से इनकार कर देता है. जैन धर्म में इसे सल्लेखना कहते हैं जिसमें व्यक्ति स्वेच्छा से अपने को अंतिम यात्रा के लिए तैयार करते हुए पहले भोजन कम करता चला जाता है, फिर जल भी त्याग देता है. भूदान आंदोलन के प्रणेता आचार्य विनोबा भावे ने जीवन की परिपूर्णता का बोध हो जाने पर प्रायोपवेशन कर अपने प्राण त्यागे थे. पौराणिक काल में लोग वृद्धावस्था में वन में चले जाते थे जहां पर्याप्त पोषण न मिलने से शरीर क्षीण हो जाने से उनकी मृत्यु हो जाती थी या वे किसी वन्य पशु का शिकार हो जाते थे. धृतराष्ट्र, गांधारी और कुंती महाभारत युद्ध के 36 वर्ष बाद इसी प्रकार वन में चले गए थे. पांचों पांडव और द्रोपदी भी हिमालय में गलने चले गए थे. यह स्वेच्छा-मरण एक अनबूझ पहेली है. जीवन में विफल व्यक्ति तो अनेक कारणों से खुदकुशी करने की सोचता है परंतु सफल इंसान ऐसा खौफनाक कदम क्यों उठाता है? अश्वनी कुमार के परिवारजनों के अनुसार वे किसी तरह की नाराजी या डिप्रेशन में नहीं थे. उन्होंने एक सुसाइड नोट छोड़ा है जिसमें लिखा है कि मैं अपना जीवन समाप्त कर रहा हूं, हर कोई खुश रहे. मेरी आत्मा नई यात्रा पर निकल रही है. वे शाम को टहलने गए थे. वहां से आने के बाद अपने घर के टॉप फ्लोर पर पूजा के कमरे में गए और फिर नीचे नहीं आए. परिवार के सदस्यों ने ऊपर जाकर देखा तो वे फंदे से लटके पाए गए. यह पता नहीं चल पाया कि क्या उन्हें कोई बीमारी थी या अपंगत्व था! अश्वनी कुमार ने सीबीआई डायरेक्टर रहते हुए आरुषि-हेमराज हत्या प्रकरण की जांच की थी. 2010 में सेवानिवृत्त होने के बाद वे 2013 से 2014 तक नगालैंड के गवर्नर रहे और कुछ समय मणिपुर का चार्ज भी संभाला था. उनकी आत्महत्या का रहस्य शायद पता ही नहीं चल सकेगा.