यह समझ से परे है कि लॉकडाउन जारी रहने के बावजूद एयरलाइंस की उड़ानें क्यों शुरु की गईं? महाराष्ट्र सरकार ने साफ कहा था कि वह 31 मई तक फ्लाइट सेवा शुरु करने के पक्ष में नहीं है। इसके पीछे ठोस वजह थी कि मुंबई में कोरोना संक्रमण का प्रकोप कम नहीं हुआ है।
यह समझ से परे है कि लॉकडाउन जारी रहने के बावजूद एयरलाइंस की उड़ानें क्यों शुरु की गईं? महाराष्ट्र सरकार ने साफ कहा था कि वह 31 मई तक फ्लाइट सेवा शुरु करने के पक्ष में नहीं है। इसके पीछे ठोस वजह थी कि मुंबई में कोरोना संक्रमण का प्रकोप कम नहीं हुआ है। ऐसे में बाहर के लोग क्यों मुंबई आना चाहेंगे? मुंबई से यदि यात्री कहीं बाहर जाएंगे तो वहां भी संक्रमण लेकर जा सकते हैं। वैसे मुंबई से तो वहां अटके हुए लोग निकल भागना चाहते हैं इसलिए फ्लाइट भरी हुई जाएगी परंतु वापसी में संभवत: विमान को खाली आना पड़ेगा। इससे तो एयरलाइंस को घाटा होना स्वाभाविक है। महाराष्ट्र में कोरोना मरीजों की बढ़ती तादाद राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। मुंबई में पहले ही मरीजों के लिए बेड और क्वारंटाइन की व्यवस्था करने में दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। ऐसी हालत में फ्लाइट से आने वाले लोगों की स्वास्थ्य जांच के अलावा उनके क्वारंटाइन की व्यवस्था करना राज्य सरकार के लिए नया सिरदर्द हो सकता है। लॉकडाउन के बीच घरेलू उड़ानें शुरु करने का फैसला एकतरफा व जल्दबाजी भरा है। सोमवार से 1050 फ्लाइटस संचालित करते हुए इसके नतीजों के बारे में नहीं सोचा गया। जब क्वारंटाइन पीरियड और स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर (एसओजी) के लेकर स्थितियां स्पष्ट नहीं थी तो उड्डयन मंत्रालय को ऐसा कदम उठाने की उतावली क्यों थी? जब महाराष्ट्र, बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्य घरेलू उड़ानों के पक्ष में नहीं थे तो उनकी दिक्कतों पर भी गौर करना था। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई एयरपोर्ट से उड़ानें शुरु करने के लिए वक्त मांगा था जिसके पीछे ठोस वजह थी। गृहमंत्री अनिल देशमुख ने भी स्वस्थ शब्दों में कहा कि रेड जोन में एयरपोर्ट खोलना नासमझी है। थर्मल जांच करना और लार का नमूना लेना ही काफी नहीं है। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने नागरी उड्डयन मंत्रालय से कहा था कि राज्य सरकार समुद्री तूफान के बाद राहत कार्यों में व्यस्त है इसलिए 30 मई तक कोलकाता और 28 मई तक बागडोगरा एयरपोर्ट पर उड़ानें स्थगित रखी जानी चाहिए। जहां तक महाराष्ट्र का सवाल है, कोरोना मरीजों की बढ़ती हुई संख्या की वजह से लोग मुंबई आने से कतरा रहे हैं। फ्लाइट शुरु करने के पहले दिन 332 में से 80 उड़ानें रद्द हुईं जिस कारण दिल्ली व मुंबई एयरपोर्ट पर हंगामा मचा। महाराष्ट्र और चेन्नई के लिए फ्लाइट सीमित करनी पड़ीं। उचित होता यदि लाकडाउन-4 खत्म होने की प्रतीक्षा कर ली जाती।