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नयी दिल्ली. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) (University Grants Commission)(UGC)कहा है कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए शैक्षणिक सत्र एक नवम्बर से शुरू होगा और इस वर्ष शीतकालीन अवकाश, 2021 में ग्रीष्मकालीन अवकाश और अन्य छुट्टियों में कटौती कर खराब हुए समय की भरपाई की जायेगी। कोविड-19 महामारी (Coronavirus) के मद्देनजर शैक्षणिक कैलेंडर को संशोधित करने के लिए गठित एक समिति के दिशा-निर्देशों को यूजीसी ने स्वीकार कर लिया है और इसके अनुसार विश्वविद्यालयों ने हर सप्ताह छह दिन के शिक्षण कार्यक्रम की सिफारिश की है।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ (Ramesh Pokhriyal ‘Nishank’) ने ट्वीट किया, ‘‘कोविड-19 महामारी के मद्देनजर आयोग ने समिति की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है और 2020-21 सत्र के लिए विश्वविद्यालयों के स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के प्रथम वर्ष के लिए शैक्षणिक कैलेंडर पर यूजीसी दिशानिर्देशों को मंजूरी दे दी है।” यूजीसी ने अप्रैल में कॉलेजों को फिर से खोलने के लिए एक वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया था, जिसमें परीक्षा पर दिशानिर्देश, अध्ययन का तरीका और समय निर्धारित था। संशोधित शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार पहले वर्ष के छात्रों के लिए दाखिला प्रक्रिया 31 अक्टूबर तक पूरी होनी है और पहले सेमेस्टर के लिए कक्षाओं की शुरूआत एक नवम्बर तक होनी है।

दिशा-निर्देशों में कहा गया है, ‘‘विश्वविद्यालयों से अनुरोध किया जाता है कि वे शीतकालीन/ग्रीष्मकालीन अवकाशों में कटौती करें ताकि छात्रों के इस बैच को अपना अंतिम परिणाम समय पर मिल सके।” यूजीसी ने कहा है लॉकडाउन और संबंधित कारकों के कारण अभिभावकों द्वारा सामना की जा रही वित्तीय कठिनाई से बचने के लिए, इस सत्र के लिए एक विशेष मामले के तहत 30 नवंबर, 2020 तक छात्रों के प्रवेश या प्रवास को रद्द करने के लिए फीस का पूरा रिफंड किया जाएगा। गौरतलब है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश में केन्द्र द्वारा शिक्षण संस्थानों को बंद करने के निर्देश के बाद 16 मार्च से विश्वविद्यालय और स्कूल बंद है। (एजेंसी)