Narendra modi
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अ़लीगढ़. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मंगलवार को कहा कि मुस्लिम छात्राओं ((Muslim Girl Students) के बीच में ही पढ़ाई छोड़ने की दर में गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि पहले इसकी दर 70 फीसदी तक थी लेकिन अब यह कम होकर 30 फीसदी के करीब रह गई है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) (Aligarh Muslim University) (AMU)के शताब्‍दी समारोह को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने इस उपलब्धि का श्रेय स्वच्छ भारत अभियान को दिया, जिसकी शुरुआत 2 अक्‍टूबर 2014 को हुई थी।

उन्होंने कहा कि लिंग के आधार पर भेदभाव ना हो, सबको बराबर अधिकार मिले और देश के विकास का लाभ सबको मिले, ये एएमयू की स्थापना के उद्देश्यों की प्राथमिकताओं में था। उन्होंने कहा कि इसे ही आगे बढ़ाते हुए तीन तलाक की ‘‘कुप्रथा” का अंत किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘पहले मुस्लिम बेटियों का शिक्षा में ड्रॉप आउट रेट 70 प्रतिशत से ज्यादा था। मुस्लिम समाज की प्रगति में बेटियों का इस तरह पढ़ाई बीच में छोड़ देना हमेशा से बहुत बड़ी बाधा रहा है। लेकिन 70 साल से हमारे यहां स्थिति यही थी। 70 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम बेटियां अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाती थी। आज देश के सामने क्या स्थिति है। पहले जो ड्रॉपआउट रेट 70 प्रतिशत से ज्यादा था वह अब घटकर करीब 30 प्रतिशत रह गया है।” उन्होंने कहा, ‘‘पहले लाखों मुस्लिम बेटियां शौचालय की कमी की वजह से पढ़ाई छोड़ देती थी। इन्हीं स्थितियों में स्वच्छ भारत मिशन शुरू हुआ।

गांव-गांव में शौचालय बनें। सरकार ने स्कूल जाने वाली छात्राओं के लिए मिशन मोड में शौचालय बनाएं। अब हालात बदल रहे हैं। मुस्लिम बेटियों का ड्रॉपआउट रेट कम से कम हो, इसके लिए केंद्र सरकार निरंतर प्रयास कर रही है।” उन्होंने एएमयू में मुस्लिम छात्राओं की संख्या बढ़ने का उल्लेख करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को बधाई दी और कहा कि मुस्लिम छात्राओं की शिक्षा और उनके सशक्तिकरण पर सरकार का बहुत ध्यान है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 6 साल में सरकार द्वारा करीब-करीब एक करोड़ मुस्लिम बेटियों को स्कॉलरशिप दी गई है।” मुस्लिम समाज की महिलाओं में शिक्षा पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर एक महिला शिक्षित होती है तो उससे एक परिवार शिक्षित होता है।

उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं को शिक्षित इसलिए होना है ताकि वह अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर सकें। अपना भविष्य खुद तय कर सकें। शिक्षा अपने साथ रोजगार और उद्यमिता लेकर आती है। रोजगार और उद्यमिता अपने साथ आर्थिक स्वतंत्रता लेकर आते हैं और इससे सशक्तिकरण होता है।” उन्होंने देश के अन्य शिक्षा संस्थानों से भी ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को शिक्षित करने और उच्च शिक्षा तक लेकर जाने का आग्रह किया। मोदी ने कहा कि सरकार उच्च शिक्षा पर जोर दे रही है और इसके लिए पंजीकरण और सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2014 में हमारे देश में 16 आईआईटी थे, आज 23 हैं। वर्ष 2014 में हमारे देश में 9 ट्रिपल आईटी थे, आज 25 हैं। वर्ष 2014 में हमारे यहां 13 आईआईएम थे जो आज 20 हो गए हैं।” (एजेंसी)