नई दिल्ली. अमेरिकी विधि स्कूल प्रवेश परिषद (एलएसएसी) ने कोरोना वायरस की महामारी के चलते पहली बार 14 जून को विधि स्कूल प्रवेश परीक्षा (एलएसएटी- इंडिया) को ऑनलाइन कराने का फैसला किया है। एलएसएससी ने बताया कि 2009 से शुरू एलएसएटी-इंडिया की परीक्षा अब तक पारंपरिक तरीके से होती थी लेकिन भारत पहला देश बन गया है जहां विधि प्रवेश परीक्षा कृत्रिम बुद्धिमत्ता के आधार पर पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। एलएसएससी के बयान के मुताबिक ऑनलाइन परीक्षा से छात्र बिना अपनी स्वास्थ्य की चिंता किए आसानी से घरों या अन्य संबंधित स्थानों से परीक्षा दे सकेंगे।
बयान के मुताबिक देश के विधि स्कूलों में प्रवेश पाने के इच्छुक छात्र 14 जून 2020 से एलएसएटी-भारत की परीक्षा ऑनलाइन दे सकेंगे। एलएसएससी के मुताबिक दुनिया में कंप्यूटर आधारित परीक्षा कराने में अग्रणी प्रीयरसन वर्चुअल यूनिवर्सिटी इंटरप्रासेज (वीयूई) को इस कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी गई है ताकि छात्र कोविड-19 की वजह से लागू पाबंदियों के बावजूद प्रवेश परीक्षा दे सकें। वीयूआई अपने 25 साल के अस्तित्व में पहली बार इस तरह से ऑनलाइन परीक्षा कराएगी। बयान के मुताबिक जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के इच्छुक छात्र इस परीक्षा में अपनी सुविधा और सुरक्षा के साथ घर में ही प्रवेश परीक्षा दे सकते हैं।
ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति और जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल के संस्थापक डीन सी राजकुमार ने कहा, ‘‘वैश्विक महामारी की वजह से सभी विधि प्रवेश परीक्षाओं के लिए अभूतपूर्ण अनिश्चितता उत्पन्न हो गई है जिससे इन संस्थानों में प्रवेश को लेकर इच्छुक छात्रों में चिंता है। एलएसएटी-इंडिया ने ऑनलाइन परीक्षा की व्यवस्था कर ऐसे छात्रों को उम्मीद की किरण दिखाई है।” उल्लेखनीय है कि एलएसएटी-इंडिया भारत के विभिन्न विधि महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए मानक प्रवेश परीक्षा है। प्रत्येक वर्ष अमेरिका की एलएसएसी दुनिया के करीब 60 हजार विधि स्कूल छात्रों को प्रवेश प्रक्रिया में अपने सॉफ्टवेयर के जरिये मदद करती है।(एजेंसी)