नयी दिल्ली. केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Education Minister Ramesh Pokhriyal) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) (NEP) 2020 को तेजी से लागू करने के लिये उच्च शिक्षा सचिव के नेतृत्व में एक समीक्षा समिति और एक अनुपालन समिति गठित करने का सुझाव दिया है। मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने यह सुझाव नयी शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन एवं लागू किये जाने से जुड़े विभिन्न आयामों की मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा के दौरान दिया।
Tomorrow at 4 PM, I will be chairing a high-level meeting to review the progress made regarding the implementation of #NEP2020.#NationalEducationPolicy#NEPTransformingIndia pic.twitter.com/IwdPNwl6AO
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) January 10, 2021
समीक्षा के दौरान मंत्री ने उच्च शिक्षा और स्कूली शिक्षा विभागों के बीच राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किये जाने को लेकर समन्वय स्थापित करने के लिये एक कार्यबल गठित करने की भी सिफारिश की। शिक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तेजी से लागू करने के लिये उच्च शिक्षा सचिव के नेतृत्व में एक समीक्षा समिति और एक अनुपालन समिति गठित करने का सुझाव दिया। मंत्रालय के बयान के अनुसार, निशंक ने पैकेज संस्कृति से पेटेंट की संस्कृति की ओर बढ़ने की जरूरत बतायी। उन्होंने कहा, ‘‘नीति की सफलता के लिये राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी फोरम और राष्ट्रीय शोध फाउंडेशन महत्वपूर्ण हैं और इसलिये इनकी स्थापना वर्ष 2021-22 में होनी चाहिए।”
निशंक ने सभी पक्षकारों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने और वर्तमान नीतियों के बीच सामंजस्य सुनिश्चित करने को कहा और बेहतर परिणाम के लिये उद्योग एवं शिक्षण संस्थानों के बीच संबंध पर जोर दिया। मंत्रालय के अनुसार, उच्च शिक्षा में अनुपालन के संबंध में 181 कार्यो की पहचान की गई और नयी शिक्षा नीति के अनुरूप इन 181 कार्यो की समयबद्ध प्रगति की निगरानी के लिए एक डैशबोर्ड बनाने की जरूरत पर जोर दिया गया। समीक्षा के दौरान इन कार्यो को लागू करने के लिये साप्ताहिक एवं मासिक कैलेंडर बनाने की बात कही गई। गौरतलब है कि सरकार ने पिछले साल जुलाई में नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर मुहर लगायी थी। नई शिक्षा नीति में पांचवीं तक और अगर संभव हो सके तो आठवीं कक्षा तक मातृभाषा में ही शिक्षा उपलब्ध कराने की बात कही गई।(एजेंसी)