शिक्षा मंत्री का हिंदी पर बड़ा बयान, कहा-सरकार अंग्रेजी के खिलाफ नहीं, लेकिन…

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नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने हाल ही में नई शिक्षा नीति लागू करने का ऐलान किया है। अन्य बदलावों के साथ ही मातृभाषा हिंदी के महत्व पर भी अधिक जोर दिया गया है। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आत्म निर्भर मध्य प्रदेश वेबिनार में नई शिक्षा नीति में मातृभाषा को प्रमुखता देने को लेकर अपनी राय जाहिर की है, साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार अंग्रेजी के खिलाफ नहीं है।  

कई विकसित देश कर चुके हैं ऐसा 

रमेश पोखरियाल निशंक ने वेबिनार में कहा, जिन लोगों को इस बात में संदेह है कि मातृभाषा को पढ़ाई का माध्यम बनाने से कोई लाभ नहीं होगा, उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि कई विकसित देशों ने ऐसा कदम उठाकर बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। हम अंग्रेजी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम भारतीय भाषाओं को मजबूत करना चाहते हैं। शिक्षा मंत्री का ये बयान इसलिए भी बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम व डीमके सांसद कनिमोझी ने आरोप लगाया था कि सरकारी अधिकारियों ने उनसे हिंदी में बात करने के लिए कहा। 

 प्रोग्रेस कार्ड से होगा मूल्यांकन

शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर वेबिनार में कई बातें स्पष्ट की। उन्होंने कहा, एनईपी 2020 के तहत हम पांचवीं क्लास से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भी जोड़ रहे हैं। स्कूली बच्चे पांचवीं कक्षा तक अपनी मातृभाषा सीख सकेंगें। इन बच्चों का मूल्यांकन रिपोर्ट कार्ड नहीं बल्कि बल्कि प्रोग्रेस कार्ड के आधार पर किया जाएगा।

पोखरियाल ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य देश के हर विद्यार्थी तक शिक्षा को पहुंचना है। ज्ञान के क्षेत्र में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी वेबिनार में अपनी राय राखी। उन्होंने कहा, नई शिक्षा नीति के तहत हम पढ़ाई के साथ कौशल विकास पर भी जोर देंगे।