ISRO अंतरिक्ष शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 100 अटल टिंकरिंग लैब को अपनाएगा

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नयी दिल्ली. नीति आयोग (NITI Aayog) ने सोमवार को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) (Indian Space Research Organization)(ISRO) स्‍कूली छात्रों के लिए एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग अैर गणित), अंतरिक्ष शिक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से संबंधित नवप्रवर्तनों के क्षेत्र में शिक्षण-प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए देश के 100 अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) अपनाएगा।

आयोग ने एक बयान में कहा, ‘‘अटल नवप्रवर्तन मिशन (एआईएम) (Atal Tinkering Labs) नीति आयोग और इसरो ने घोषणा की कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन देश के 100 अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) अपनाएगा। इसके तहत इसरो स्‍कूल के छात्रों के लिए एसटीईएम, अंतरिक्ष शिक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से संबंधित नवप्रर्वतन के क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देगा।” एआईएम देश में नवप्रवर्तन और उद्यमिता को बढ़ावा देने का सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है।

‘ऑनलाइन’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष डॉ. राजीव कुमार (Rajiv Kumar)ने कहा कि सरकार के विभिन्न विभाग और मंत्रालय आत्‍मनिर्भर भारत के सृजन के लिए समन्‍वय के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘नीति आयोग और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के बीच यह सहयोग इस प्रकार के प्रयासों का एक प्रमुख उदाहरण है।” इस अवसर पर इसरो के अध्यक्ष डॉ. के. सिवन ने यह उम्मीद जाहिर की कि इस कदम से नवप्रवर्तन और स्कूली बच्चों को परम्‍परागत शिक्षण के मुकाबले प्रयोगात्‍मक शिक्षण की भावना को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।(एजेंसी)