Professor John Dewar
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भारतीय विद्यार्थियों को भी मिलेगा लाभ

मुंबई. ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया स्थित मल्टी कैम्पस यूनिवर्सिटी ला ट्रोब ने कोविड महामारी से उत्पन्न आपात स्थिति के मद्देनज़र अपने विद्यार्थियों में 12 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (60 करोड़ रुपए) की राशि वितरित की है. यह राशि ला ट्रोब द्वारा दी जाने वाली सामान्य स्कॉलरशिप और  अन्य सहायता के अतिरिक्त है. इस मदद का लाभ भारतीय विद्यार्थियों को भी मिलेगा. क्योंकि ला ट्रोब यूनिवर्सिटी में बड़ी संख्या में भारत के भी विद्यार्थी पढ़ते हैं. कोरोना संकट और लॉकडाउन के मद्देनजर यूनिवर्सिटी ने छात्रों के लिए लचीली ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली की शुरुआत की है और इसके अलावा, पढ़ाई की शुरुआत करने की अतिरिक्त तारीख़ों का विकल्प भी रखा है.

ऑनलाइन कोर्सेज की शुरुआत

ला ट्रोब यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर जॉन डेवर ने यहां एक बयान जारी कर कहा कि  यूनिवर्सिटी की पहली प्राथमिकता गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना और साथ ही विद्यार्थियों, स्टाफ़ और सहयोगियों के स्वास्थ्य कीदेखभाल करना है. साथ ही इस विकट परिस्थिति में पढ़ाई प्रभावित नहीं हो, ला ट्रोब यूनिवर्सिटी ने ऑनलाइन कोर्सेज की शुरूआत की है. ला ट्रोब ने सेमेस्टर कोर्सेज के साथ अब टर्म कोर्सेज की भी शुरुआत कर दी है. हर टर्म की अवधि 6 हफ्ते होगी, जिसमें 2020 के उत्तरार्ध में कोर्स के शुरुआत करने की 3 अलग-अलग तारीख़ें विकल्प के रूप में छात्रों के सामने होंगी. इस साल बिज़नेस, इंजीनियरिंग व गणित विज्ञान, पब्लिक हेल्थ और बायोटेक्नोलॉजी जैसे विषयों को ऑनलाइन पढ़ाया जाएगा. यूनिवर्सिटी की पहली प्राथमिकता इस बात का ख़ास ख़्याल रखना है कि तमाम छात्रों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर न पड़े. ऐसे में जब तक यूनिवर्सिटी को इस बात की इजाजत नहीं मिल जाती है कि छात्र वहां ख़ुद आकर पढ़ सकते हैं, तब तक छात्रों को ऑनलाइन ढंग से ही पढ़ाया जाएगा. जो विषय ऑनलाइन उपलब्ध हैं, उन्हें सामायिक टर्म के खात्मे तक ऑनलाइन ही पढ़ाई होगी. इसके‌ अतिरिक्त, ऑनलाइन विषयों की पढ़ाई के लिए दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए लचीली रीफंड पॉलिसी की भी शुरुआत की गई है. 

नयी स्कॉलरशिप लांच 

छात्रों को प्रोत्साहित करने और इस संकट में सहायता देने ला ट्रोब यूनिवर्सिटी ने कुछ नयी स्कॉलरशिप लांच की है और अपने मौजूदा स्कॉलरशिप की पात्रता के दायरे को और बढ़ा दिया है. इन सभी स्कॉलरशिप को आने वाले आवेदनों में शामिल करने का फ़ैसला कर लिया गया है, जिनमें ऑनलाइन शिक्षा हासिल करने वाले छात्रों का भी शुमार है. इन स्कॉलरशिप के ज़रिए संपूर्ण कोर्स की ट्यूशन फ़ीस में 30% रकम दी जाएगी.