नयी दिल्ली. विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) ने सोमवार को कहा कि हाल ही में सरकार द्वारा घोषित नयी शिक्षा नीति (New Education Policy) में विदेशी भाषाओं (Foreign languages) को सीखने पर जोर दिया गया है और उनमें से आधी भाषाएं यूरोपीय हैं। इसलिए भारत और यूरोप के बीच आदान-प्रदान का भविष्य पहले से कहीं ज्यादा उज्ज्वल है।
श्रृंगला ने यह बात गोएथे इंस्टीट्यूट के सहयोग से मेयो कॉलेज (Mayo College)द्वारा आयोजित भाषा दिवस समारोह में समापन भाषण के दौरान कही। उन्होंने कहा कि भाषाओं के जरिए संवाद करने की क्षमता निसंदेह मानव सभ्यता की सबसे परिभाषित विशेषता है। उन्होंने कहा कि एक प्रमुख तत्व जो यूरोप और भारत को जोड़ता है, वह भाषा है। श्रृगला ने कहा, “भारत और यूरोप दोनों भाषाई रूप से विविधता वाली भूमि हैं। भारत के संविधान में 22 अनुसूचित भाषाएँ हैं और यहां एक हजार से अधिक मातृभाषाएं हैं।” उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ में 24 आधिकारिक भाषाएं हैं। इसके अलावा कई अन्य भाषाएं और बोलियां भी हैं।