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नयी दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में एक जनहित याचिका दायर कर आम आदमी पार्टी (आप) (AAP)  सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह राष्ट्रीय राजधानी में उन निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाये जो कथित रूप से महामारी(Coronavirus) के दौरान ज्यादा शुल्क वसूल रहे हैं और छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं (Online classes) में शामिल नहीं होने दे रहे।

एंटी-करप्शन काउंसिल ऑफ इंडिया ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका सोमवार को मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिये सूचीबद्ध थी लेकिन समय की कमी के कारण इस मामले को नौ दिसंबर के लिये स्थगित कर दिया गया। अधिवक्ता अशोक कुमार सिंह (Ashok kumar singh) ने ट्रस्ट का पक्ष रखते हुए दावा किया कि खबरों के मुताबिक कुछ विद्यालय कथित तौर पर ट्यूशन फीस के इतर कुछ अन्य मदों में भी शुल्क वसूल रहे हैं और मांगी गई रकम अदा करने में अक्षम छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल नहीं होने दे रहे। इसमें कहा गया कि यह दिल्ली सरकार की तरफ से दिये गए उस निर्देश का उल्लंघन है जिसके तहत उनसे महामारी के दौरान सिर्फ ट्यूशन फीस के अलावा कोई और शुल्क नहीं लेने को कहा गया है। इसमें दावा किया गया कि दिल्ली अभिभावक संघ के मुताबिक 76 निजी विद्यालय ने दिल्ली सरकार के निर्देशों का उल्लंघन किया है। (एजेंसी)