ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा 1 सितंबर से खुलेंगे स्कूल, देश के लिए जरुरी

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नई दिल्ली. ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने सितंबर से स्कूलों को खोले जाने पर जोर दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा, स्कूलों को फिर से खोलना एक सामाजिक, आर्थिक और नैतिक जरुरत है। वे महामारी के खतरे के बावजूद सुरक्षित रूप से काम कर सकेंगे। 

COVID-19 का खतरा 

WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि स्कूल बेहतर परीक्षण और ट्रेस प्रणाली के बिना खुल तो COVID-19 का प्रकोप पहली बार से भी दोगुना होगा। ब्रिटेन की इस सर्दी में COVID-19 की दूसरी लहर का जोखिम पहले से कई ज्यादा है।   

स्कूलों को फिर खोलना राष्ट्रीय प्राथमिकता

जॉनसन ने रविवार को एक मेल में लिखा है कि, स्कूलों को फिर से खोलना राष्ट्रीय प्राथमिकता है। उन्होंने समाचार पत्र का हवाला देते हुए लिखा, यदि भविष्य में  स्कूलों को बंद करने की जरुरत होती है तो लोकल लॉकडाउन में स्कूल सबसे आखिरी में बंद किए जाएंगे।  

जून में फिर खुले स्कूल

जॉनसन ने लिखा, इंग्लैंड में लॉकडाउन के दौरान मार्च में स्कूल को बंद कर दिया गया था, जिसे विद्यार्थियों की छोटी तादाद के साथ जून में फिर से खोला गया। सरकार चाहती है कि सभी विद्यार्थियों सितंबर की शुरुआत में स्कूल लौटें। जॉनसन ने स्कूलों को दोबारा खोले जाने को “राष्ट्रीय प्राथमिकता” बताया। उन्होंने आगे लिखा, स्कूलों को पूरी तरह से बंद रखना सामाजिक रूप से असहनीय, आर्थिक रूप से अस्थिर और नैतिक रूप से अनिश्चित।  

बच्चों की पढ़ाई बंद होना, देश की बड़ी समस्या

प्रधानमंत्री ने लिखा, बच्चों की पढ़ाई बंद होने से माता-पिता की आर्थिक लागत काम नहीं होती। यदि बच्चों की पढ़ाई छूटती है तो देश को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। कोरोना वायरस महामारी खत्म नहीं हुई है,और हमें हिम्मत से काम लेना होगा। अब हम जानते हैं कि सभी विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित रूप से स्कूलों को फिर से खोलना हमारा नैतिक कर्तव्य है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जॉनसन ने स्कूलों को समय पर खोलने के लिए जनसंपर्क अभियान चलाने का आदेश दिया है।