नई दिल्ली: सीबीएसई ने सोमवार को 10वीं कक्षा की अंग्रेजी परीक्षा के एक गद्यांश और उससे जुड़े प्रश्नों को हटा दिया तथा छात्रों को इसके लिए पूरे अंक देने का फैसला किया। कथित तौर पर ‘‘लैंगिक रूढ़िवादिता” को बढ़ावा देने और ‘‘प्रतिगामी धारणाओं” का समर्थन करने वाले प्रश्नों को लेकर विवाद के बाद बोर्ड ने यह कदम उठाया है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (एसबीएसई) ने रविवार को इस मामले को विषय विशेषज्ञों के पास भेजा था और उनसे प्रतिक्रिया मांगी थी। शनिवार को आयोजित 10वीं की परीक्षा में प्रश्नपत्र में ‘‘महिलाओं की मुक्ति ने बच्चों पर माता-पिता के अधिकार को समाप्त कर दिया” और ‘‘अपने पति के तौर-तरीके को स्वीकार करके ही एक मां अपने से छोटों से सम्मान पा सकती है”’ जैसे वाक्यों के इस्तेमाल को लेकर आपत्ति जतायी गई।
As the passage in one set of question paper in class X English Exam is not in accordance with guidelines of the board with regard to setting of question papers, it has been decided to drop the question and award full marks to the students for this passage . pic.twitter.com/IHfoUJSy2O
— CBSE HQ (@cbseindia29) December 13, 2021
प्रश्नपत्र के ऐसे अंश सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। इन प्रश्नों को लेकर ट्विटर पर लोगों ने सीबीएसई पर निशाना साधा और उपयोगकर्ता हैशटैग ‘‘सीबीएसई इनसल्ट्स वीमेन” (सीबीएसई ने महिलाओं का अपमान किया) का समर्थन करने का आह्वान करते दिखाई दिये।
सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा, ‘‘11 दिसंबर को आयोजित सीबीएसई की कक्षा 10वीं की फर्स्ट-टर्म परीक्षा के अंग्रेजी भाषा और साहित्य के प्रश्न पत्र के एक सेट में एक सवाल बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुसार नहीं था। इस पृष्ठभूमि में और हितधारकों से प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर मामले को विषय विशेषज्ञों की एक समिति को भेजा गया था।
इसकी सिफारिश के अनुसार, गद्यांश और उससे जुड़े प्रश्नों को छोड़ने का निर्णय लिया गया है।” उन्होंने कहा, ‘‘इस सवाल के लिए सभी संबंधित छात्रों को पूरे अंक दिए जाएंगे। एकरूपता और समानता सुनिश्चित करने के लिए, प्रश्न पत्र के सभी सेट के नंबर एक के लिए छात्रों को पूर्ण अंक भी दिए जाएंगे।”
कांग्रेस ने भी उठाया लोकसभा में मुद्दा
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीबीएसई की परीक्षा के एक प्रश्नपत्र में आए गद्यांश को महिला विरोधी बताते हुए बोर्ड और शिक्षा मंत्रालय से इस प्रश्नपत्र को तत्काल वापस लेने और इस विषय पर माफी की मांग सोमवार को लोकसभा में की। सोनिया गांधी ने शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कहा, ‘‘मैं सरकार का ध्यान गत 11 दिसंबर को सीबीएसई की दसवीं कक्षा की परीक्षा के एक प्रश्नपत्र में आए एक अप्रिय और प्रतिगामी सोच वाले अपठित गद्यांश को लेकर देशभर में उपजे आक्रोश की ओर दिलाना चाहती हूं।”
सोनिया ने गद्यांश का उल्लेख करते हुए अंग्रेजी में उसके दो वाक्यों को भी उद्धृत किया जिनके अनुसार, ‘‘महिलाओं को स्वतंत्रता मिलना अनेक तरह की सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं का प्रमुख कारण है” और ‘‘पत्नियां अपने पतियों की बात नहीं सुनती हैं, जिसके कारण बच्चे और नौकर अनुशासनहीन होते हैं।”
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी प्रश्नपत्र पर आपत्ति जताई थी। प्रियंका ने रविवार को कहा, ‘‘अविश्वसनीय। क्या हम वास्तव में बच्चों को ऐसा निरर्थक ज्ञान दे रहे हैं? स्पष्ट रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार महिलाओं संबंधी इन प्रतिगामी विचारों का समर्थन करती है, अन्यथा ये सीबीएसई पाठ्यक्रम में क्यों शामिल होंगे?”
सीबीएसई ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा, ‘‘11 दिसंबर को आयोजित सीबीएसई की 10वीं की फर्स्ट-टर्म की परीक्षा के अंग्रेजी प्रश्नपत्र के एक सेट को लेकर कुछ अभिभावकों और छात्रों की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है, जिसमें कहा गया है कि यह परिवार के प्रति प्रतिगामी धारणाओं का समर्थन करती है और कथित तौर पर लैंगिक रूढ़िवादिता को बढ़ावा देती हैं।”
इसके बाद सीबीएसई ने इस मामले को विषय के विशेषज्ञों के पास भेज दिया। इस महीने की शुरुआत में आयोजित सीबीएसई की कक्षा 12वीं के लिए समाजशास्त्र की परीक्षा में छात्रों से उस राजनीतिक दल का नाम बताने के लिए कहा गया, जिसके कार्यकाल में ‘‘गुजरात में 2002 में मुस्लिम विरोधी हिंसा” हुई थी। बोर्ड ने बाद में इस सवाल को ‘‘अनुचित” और उसके दिशानिर्देशों के खिलाफ कहा था।(एजेंसी )