गोरखपुर बनेगा ‘स्पेशल एजुकेशन जोन’ केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की घोषणा

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    उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के लिए एक बड़ी खबर है। जी हां केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) ने शुक्रवार को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 89वें संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि के तोर पर उपस्थित थे।

    इस दौरान संबोधित करते हुए उन्होंने घोषणा की है कि जल्द ही गोरखपुर एक ‘विशेष शिक्षा क्षेत्र’ (‘Special Education Zone) होगा।तीन क्रियाशील एवं एक निर्माणाधीन विश्वविद्यालय के माध्यम से ज्ञान नगर के रूप में विकसित गोरखपुर शहर को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New Education Policy 2020) की आवश्यकता के अनुरूप ‘विशेष आर्थिक क्षेत्र’ की तर्ज पर ‘विशेष शिक्षा क्षेत्र’ (‘Special Education Zone) बनाया जाएगा। 

    केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की घोषणा

    उस वक्त संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘इस विशेष शिक्षा क्षेत्र के पीछे का विचार छात्रों को वैश्विक नागरिक के रूप में तैयार करना और अकादमिक गतिविधियों के माध्यम से दुनिया की समस्याओं का समाधान करना है। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और उसके छात्र इसे हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।’ 

    भारत के बच्चे बनेंगे वैश्विक नागरिक

    इस बारें में उन्होंने आगे कहा कि नई शिक्षा नीति वैश्विक परिदृश्य में रणनीतिक परिवर्तनों के अनुरूप तैयार की गई है और इसका उद्देश्य भारत को दुनिया का नंबर एक देश और भारत के बच्चों को वैश्विक नागरिक बनाना है। इस पहल द्वारा (Special Education Zone) गोरखपुर के बच्चे भी वैश्विक नागरिक बनने से जुड़ेंगे। 

    सीएम योगी को सफल नेतृत्व का प्रतीक बताते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि पूर्व नेतृत्व ने कभी मुद्दों की परवाह नहीं की बल्कि हमेशा समाधान देखा। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “उनके नेतृत्व में, पूर्वी उत्तर प्रदेश को पीएम मोदी के हाथों उर्वरक कारखाने का उपहार मिला है। 

    इन राज्यों में नई शिक्षा नीति लागू 

    आपको बता दें कि देश के कई राज्यों में नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई है, अगले सेशन से कई पहलुओं पर विचार किया जाएगा। इतना  ही नहीं बल्कि इसके साथ-साथ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत क्षेत्रीय भाषाओं में पाठ्यक्रम अनिवार्य कर दिया है। पंजाब, महाराष्ट्र, तेलंगाना,आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान राज्यों ने क्षेत्रीय भाषा में पाठ्यक्रम शुरू (Local Language Subjects) करने की घोषणा की है।