निधन के बाद अस्पताल ने श्रवण राठौड़ का पार्थिव शरीर देने से किया इनकार, कहा ‘पहले भरें 10 लाख…’

मिली जानकारी के अनुसार, श्रवण राठौड़ को कोरोना वायरस के अलावा कई दूसरी बीमारियां थी।

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    After the demise, the hospital refused to give the body of Shravan Rathod, saying ‘first filled 10 lakhs …’: पॉपुलर म्यूजिक कम्पोजर जोड़ी नदीम-श्रवण में से श्रवण राठौड़ ( Shravan Rathod) ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। उनका निधन गुरुवार को हुआ। रिपोर्ट की माने तो, कोरोना कॉम्प्लिकेशंस की वजह से उनकी जान चली गई। इसी बीच दिवंगत संगीतकार श्रवण राठौड़ को लेकर एक और बड़ी खबर सामने आ रही है। अस्पताल ने उनका पार्थिव शरीर परिवार को देने से साफ मना कर दिया है। केआरके बॉक्स ऑफिस इंडिया ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि ‘एस एल राहेजा अस्पताल में पिछले कुछ दिनों से श्रवण राठौड़ का इलाज चल रहा था। संगीतकार ने निधन के बाद अस्पताल ने उनका 10 लाख रुपये का बिल बिल बनाया है। साथ ही अस्पताल ने यह पूरे पैसे एडवांस में भरने को बोला था जबकि श्रवण की इंस्योरेंस पॉलिसी थी। इस वजह से अस्पताल ने परिवार को श्रवण राठौड़ का पार्थिव शरीर सौपने से मना किया है। 

    केआरके बॉक्स ऑफिस ने भले ही ट्वीट कर इस बात का खुलासा किया हो लेकिन परिवार की तरफ से इस विषय में किसी तरह का कोई बयान जारी नहीं किया गया है। 

     

     
     
     
     
     
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    A post shared by Mayank Jha @ 13th JUNE…🎂🎂🎈🎈 (@max_m223)

    मिली जानकारी के अनुसार, श्रवण राठौड़ को कोरोना वायरस के अलावा कई दूसरी बीमारियां थी। कोरोना संक्रमित होने के बाद उनकी तबीयत और बिगड़ी थी। जिसके बाद उन्हें नहीं बचाया जा सका। बता दें,  श्रवण का जन्म 13 नवंबर 1954 को हुआ था। इसके बाद 1990 के दशक में नदीम-श्रवण की जोड़ी के संगीत का दबदबा बॉलीवुड में छाया था। इस जोड़ी ने ‘आशिकी’, ‘साजन’, ‘सड़क’, ‘दिल है कि मानता नहीं’, ‘साथी’, ‘दीवाना’, ‘फूल और कांटे’, ‘राजा हिंदुस्तानी’, ‘जान तेरे नाम’ ‘रंग’, ‘राजा’, ‘धड़कन’, ‘परदेस’, ‘दिलवाले’, ‘राज’ जैसी फिल्मों में संगीत दिया।