'वेट एंड वॉच' मोड पर हैं बॉलीवुड इंडस्ट्री, फिर शेर की तरह दहाड़ेगी हर फिल्म

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    कोरोना वायरस की प्रकोप ने फिल्मों की रिलीज़ पर ग्रहण लगा दिया हैं। बता दे की बॉलीवुड में फिल्म रिलीज का कैलेंडर एक बार फिर फेल होता दिख रहा है। कई बिग बजट फिल्में बनकर तैयार हैं लेकिन अपने रिलीज़ के लिए काफी दिक्कतों का सामना कर रही हैं। एक्टर अक्षय कुमार की ‘बेल-बॉटम’ 27 जुलाई को रिलीज होने वाली थी, लेकिन अब यह फिल्म शायद 15 अगस्त के वीकेंड पर आ सकती है। लेकिन इसका रिलीज़ डेट अभी भी फाइनल नहीं हुआ है। बता दे कि बैकलॉग बढ़ता जा रहा है। 22 फिल्मों में 1700 करोड़ से ज्यादा फंसे हैं। दूसरी ओर प्रोडक्शन तेजी से शुरू नहीं हो सका है। ऐसे में फिल्मों को नुकसान झेलना पद रहा हैं। नई फिल्में अनाउंस तो हो रही हैं, लेकिन यह तय समय पर कंप्लीट हो पाएंगी या नहीं, यह कोई नहीं जानता।आइए बॉलीवुड के बैकलॉग पर एक नजर डालते हैं…

    बॉलीवुड फिल्में कम पड़ जाएंगी

    ट्रेड एनालिस्ट कोमल नाहटा ने के अनुसार ज्यादा बॉलीवुड फिल्में रिलीज की राह में होने के बावजूद ओवर सप्लाई की स्थिति नहीं आएगी, क्योंकि इनमें से कई फिल्में ओटीटी की ओर जा सकती हैं। भले ही फिल्में तैयार है लेकिन कई फिल्म सीधा ओटीटी का रुख कर रही है। दूसरी तरफ प्रोडक्शन अभी बहुत स्लो चल है। ऐसे में तो लग रहा है कि आने वाले समय में थिएटर में दिखाने के लिए फिल्में कम न पड़ जाएं। क्योंकि सभी फिल्में ओटीटी पर रिलीज़ हो रही हैं। वही जहाँ अभी कहीं सिनेमा खुल चुके हैं, लेकिन अभी भी कही हद तक नहीं खुले हैं। वही जो बड़ी-बड़ी फिल्में हैं वह 80% ऑक्यूपेंसी तक इंतजार कर लें, ऐसा हो सकता है। इसलिए अभी जहां परमिशन है, वहां पर भी थिएटर्स ओनर्स एकदम से थिएटर नहीं खोल रहे। ऐसे में फिल्मों को नुकसान हो रहा हैं .

    प्रोडक्शन काफी स्लो है

    कोरोना महामारी ने बॉलीवुड इंडस्ट्री काफी नुक्सान पहुँचाया हैं।अब कोरोना में नॉर्मल स्थिति से तुलना करें तो अभी 5% जितना भी काम नहीं हो रहा। मुंबई में अभी भी पाबंदियां हैं और इसका पालन भी करना पद रहा हैं। और इसका काफी असर पड़ रहा है। तोड़े जा चुके सेट फिर से खड़े करने हैं। ऐसे में फिर काम शुरू करना मुश्किल हो गया हैं। वही हर एक्टर दो या तीन फिल्में कर रहा है और उनके को-एक्टर एक से ज्यादा फिल्म कर रहे हैं। लेकिन यहाँ सबकी फिल्मों की रिलीज़ डेट्स खराब हो गईं। अब किसको डेट दें, किस को न दें, यह बहुत झंझट है। सारे स्टार्स और दूसरे लोगों के काॅम्बिनेशन वाले डेट्स मिलाना है। यह सब कोऑर्डिनेशन में जान निकल जाती है।

    जल्दबाज़ी में नहीं रिलीज़ करना चाहते फिल्म

    बीते साल नवंबर-दिसंबर में ऐसा लग रहा था कि सब कुछ नॉर्मल हो रहा है और फिर लोगों के मन में एक आस आ गयी थी की अब सब ठीक हो जाएगा। एक साथ 20-20 फिल्मों की रिलीज डेट अनाउंस हो गई थीं, मगर बाद में सेकेंड वेव आ गई। इनमें से ज्यादातर फिल्में फ्लोर पर नहीं आ पाईं। इसलिए इस बार प्रोड्यूसर्स चुप हैं। वह सोच-समझकर ही रिलीज डेट अनाउंस नहीं कर रहे। वही कई फिल्मों के मेकर्स ने अपनी फिल्मों की रिलीज़ डेट को और आगे बढ़ा दिया।

    नई फिल्म अनाउंस करना आसान है

    कोमल कहते हैं कि इंडस्ट्री में मनी रोटेशन रुक गया है, प्रोडक्शन भी काफी स्लो हो गया है। इससे नई फिल्मों की अनाउंसमेंट पर कोई फर्क नहीं पड़ा, क्योंकि अभी तो सिर्फ साइनिंग अमाउंट देनी है। लेकिन जैसे फिल्मों की शूटिंग स्टार्ट होगी और काम शुरू होगा तब पैसों का ज्यादा इन्वेस्टमेंट लगता हैं। लेकिन अब एक्टर्स भी इस स्थिति समझते हैं, तो वह कहते है कि अभी अनाउंस कर दो, साइनिंग अमाउंट बाद में दे देना। ऐसे में यह थोड़ा आसान हो जाता हैं।

    शो बिजनेस है, यह कभी रुकेगा नहीं

    आखिर में यह शो बिजनेस का है और यह कभी रुक नहीं सकता। सबको पता है कि कभी न कभी तो यह सब नॉर्मल स्थिति में आएगी ही। अब यह फिल्म वाले हैं। यहाँ कोई स्क्रिप्ट लिखना जानता है, कोई एक्टिंग जानता है। तो हर कोई अपने अपने कामों में मसरूफ हैं। वह इसके सिवा और कोई काम जानते ही नहीं, इसलिए फिल्म अनाउंस होती रहेगी और यह सभी अपना काम जारी रखेंगे।

    अच्छी स्थिति की आस के बैठे

    अब तो शायद भगवान को भी नहीं पता कि कोरोना की यह स्तिथि कब सामान्य होगी। हर क्षेत्र में हर आदमी यह सोचकर काम करने लगा है कि आज नहीं तो कल सब नॉर्मल स्थिति में आ ही जाएगी। और यही आस में नई फिल्में भी अनाउंस हो रही हैं। शूटिंग, पोस्ट प्रोडक्शन समय पर खत्म करके डेढ़ साल में फिल्म खत्म हो जाएगी, ऐसा सोचकर कुछ ने तो रिलीज डेट भी अनाउंस कर दी है। ऐसे में हर किसी बस इस बात की आस लेकर बैठे है की कब सब नार्मल हो जाएगा और फिर सब काम तेज़ी से रफ़्तार पकड़ेंगे।

    किसी अनुमान का कोई मतलब नहीं

    यहाँ कोमल बताते हैं कि बड़ी फिल्में साथ-साथ आएंगी या नहीं, उसका क्या रिजल्ट होगा, कुछ कह नहीं सकते। मैं कुछ भी अनुमान दे दूं, इसका कोई मतलब नहीं है। सब स्तिथि सामान्य होने ही कुछ कहा जा सकता हैं। कोई बड़ी फिल्म शायद 100% ऑक्यूपेंसी के लिए रुकी है या शायद ओटीटी पर भी आ सकती है। यह सारी संभावनाएं हैं, मैं शायद कहकर कुछ भी बोलूं, वह ठीक नहीं होगा।

    कम्फर्ट ज़ोन नहीं आया अभी 

    फिल्म प्रोड्यूसर एंड ट्रेड एनालिस्ट गिरीश जौहर ने बताया कि बॉलीवुड में अभी वेट एंड वॉच का माहौल है। हर कोई स्तिथि सामन्य होने का वेट कर रहा है। ऐसे में अभी फिल्म प्रोडक्शन में कम्फर्ट लेवल नहीं आया है। फिल्मों की शूटिंग के लिए कम समय मिलता है। वही शूटिंग के वक़्त काफी रिस्ट्रिक्शंस भी हैं जिनका पालन करना ही पड़ता हैं। प्रोडक्शन की रफ्तार कम हुई है, लेकिन जब नॉर्मल स्थिति आ जाएगी, तो वह बढ़ जाएगी। वैसे कुछ महीनों बाद बॉलीवुड अपनी एवरेज पर आ जाएगा। सभी ऐसे में पहले पेंडिंग फिल्में रिलीज होंगी। कुछ ओटीटी पर जाएंगीं तो कुछ सिनेमा घरों का रुख करेंगी। तब तक अभी जो प्रोडक्शन के फाइनल स्टेज में हैं, वह सभी फिल्में तैयार हो जाएंगी।

    हालात नॉमर्ल होने में वक़्त हैं

    आपको बता दे कि गिरीश जौहर कहते हैं कि पहले भी हुआ है कि एक महीने में चार बड़ी फिल्म आ जाएं और चारों भी फिल्में चल जाएं। शर्त यह है कि लोग कॉन्फिडेंस से थिएटर में आने चाहिए और कंटेंट अच्छा होना चाहिए। ऐसे में दर्शक भी सिनेमा घर को मिस कर रहे हैं। लेकिन अगर अभी थिएटर शुरू होते ही हाउसफुल नहीं होने वाले। फिल्म देखने और दिखाने दोनों के बारे में एक कॉन्फिडेंस लेवल आते-आते दो-तीन महीने लग जाएंगे। अगस्त में फिल्में आनी शुरू हो जाएं तो भी बॉक्स ऑफिस पर नॉर्मल जैसा माहौल तो दिवाली पर ही आएगा। लेकिन अगर ऐसा होता है तो दिवाली हर किसी की चमकेगी।

    इस बारें में आपकी क्या राय हैं ? आप फिल्मों को सिनेमाघर में देखने के कितने बेताब हैं ? कमेंट बॉक्स में अपनी राय रखे।