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    मुंबई: योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) आइएमए (Indian Medical Association) के बीच बीतों दिनों से छिड़े विवाद में रोजाना कुछ न कुछ बयानबाजी हो रही हैं और यह विवाद थमने की बजाय बढ़ रहा है। उन्होंने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) और फार्मा कंपनियों के नाम खुला पत्र जारी कर 25 सवाल दागे हैं। जिसमें उन्होंने एलपैथी डॉक्टरों से हेपटाइटिस, थायराइड, ब्लॉकेज, बाईपास, लीवर सोयराइसिस, हार्ट एनलार्जमेंट, माइग्रेन, पायरिया, अनिद्रा, शुगर लेवल 1 और 2, स्ट्रेस, ड्रग्स एडिक्शन, गुस्सा और फैटी लीवर सहित अन्य बीमारियों को लेकर स्थायी इलाज पूछा है।

    बाबा रामदेव के इस खुले पत्र के बाद आइएमए और उनके बीच विवाद छिड़ गया है। अब इस विवाद में फिल्ममेकर हंसल मेहता (Hansal Mehta) की भी एंट्री हो गई है। हंसल मेहता ने रामदेव को बेवकूफ बता दिया है। हंसल मेहता ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर बाबा रामदेव के पत्र वाले ट्वीट को रीट्वीट किया है। इसके साथ उन्होंने लिखा, ‘यह बेवकूफ हमारे फ्रंटलाइन वर्कर्स का कीमती समय बर्बाद कर रहा है।’ सोशल मीडिया पर हंसल मेहता का यह ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है।

    बाबा रामदेव ने कोरोना के समय ऑक्सीजन प्रयोग होने को लेकर फार्मा कंपनी से सवाल किया। बाबा रामदेव ने पूछा कि ‘क्या फार्मा कंपनी पर ऐसी कोई दवा है जिससे कोरोना संक्रमण के मरीज का बिना ऑक्सीजन सिलिंडर के ऑक्सीजन बढ़ जाए।’ बाबा रामदेव के पत्र में आखिरी सवाल सारे सवालों से बड़ा है। बाबा रामदेव ने पूछा कि ‘अगर एलोपैथी सर्वशक्तिमान और सर्वगुण सम्पन्न है तो फिर एलोपैथी के डॉक्टर तो बीमार होने ही नहीं चाहिए?’

    वहीं बाबा रामदेव की टिप्पणी से देश भर के एलोपैथिक चिकित्सकों में जबरदस्त आक्रोश है। रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्ष वर्धन के कड़े पत्र के बाद बाबा रामदेव ने भले ही खेद व्यक्त करते हुए अपने वक्तव्य को वापस ले लिया हो, लेकिन सोमवार को उन्होंने फिर से एलोपैथी पर सवाल उठाए हैं। यहां तक कहा है कि, अगर एलोपैथी सर्वशक्तिमान और सर्वगुण संपन्न है तो फिर एलोपैथिक चिकित्सकों को बीमार ही नहीं होना चाहिए।