Photo: Instagram
Photo: Instagram

    Loading

    मुंबई: ‘फ्लाइंग सिख’ के नाम से मशहूर धावक मिल्खा सिंह (Milkha Singh) अब इस संसार से विदा ले चुके हैं. उनके निधन से स्पोर्ट्स ही नहीं बल्कि बॉलीवुड में भी शोक का माहौल है। वहीं भारत के महान धावक मिल्खा सिंह का कोरोना के चलते निधन हो गया, वो 91 साल के थे। परिवार ने मीडिया को बतया कि पद्मश्री मिल्खा सिंह ने रात 11:30 पर आखिरी सांस ली। इससे पहले उनकी पत्नी और भारतीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल कौर ने भी कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया था। 

    मिल्खा सिंह की बेटी सोनिया सांवलका ने अपने पिता के जीवन पर रेस ऑफ माई लाइफ नाम से किताब लिखी, जो साल 2013 में प्रकाशित हुई थी। इस किताब के प्रकाशित होने के बाद फिल्म निर्माता राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने उनके जीवन पर फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ बनाने का निर्णय लिया। फिल्म बनाने की अनुमति देने के बदले निर्माता राकेश ओम प्रकाश मेहरा से मिल्खा सिंह ने मात्र एक रुपये का नोट लिया था। 

    आपको बता दें इस एक रुपये की खास बात यह थी कि एक रुपये का यह नोट साल 1958 का था, जब मिल्खा ने राष्ट्रमंडल खेलों में पहली बार स्वतंत्र भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था। एक रुपये का यह नोट पाकर मिल्खा भावुक हो गए थे। यह नोट उनके लिए एक कीमती याद की तरह था। इस फिल्म में अभिनेता फरहान अख्तर ने मिल्खा की भूमिका निभाई थी। फिल्म को देखकर मिल्खा सिंह ने कहा था कि इससे युवाओं को खेलों में देश के लिए मेडल जीतने की प्रेरणा मिलेगी।

    फिल्म के प्रमोशन के दौरान मिल्खा सिंह ने बताया कि वो फरहान अख्तर फिल्म में निभाए गए रोल से काफी खुश हैं। एक्टर ने फिल्म में उन जैसा दिखने के लिए काफी मेहनत की है। हालांकि मिल्खा सिंह जब तक जीए उनके दिल में एक ही पीस रही। उनका एक अधूरा ख्वाब जीते जी पूरा ना हो सका। मिल्खा ने कहा था उनके जीवन की सिर्फ एक इच्छा अधूरी रह गई। उन्होंने बताया कि रोम ओलंपिक में जो स्वर्ण पदक मेरे हाथ से फिसल गया था, दुनिया छोड़ने से पहले उसे अपने देश में देखना चाहता हूं। यही मेरी आखिरी इच्छा है।