Deepika Padukone
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    मुंबई : अभिनेत्री (Actress) दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) के हिंदी सिनेमा (Hindi Cinema) जगत (World) में 15 साल (Year) पूरे हो गए है। लेकिन, उनका मानना है, कि वह अब भी हर फिल्म से कुछ नया सीख रही है। अभिनेत्री ने साल 2007 में रोमांस पर आधारित फिल्म ‘ओम शांति ओम’ के साथ हिंदी सिनेमा में अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने ‘लव आज कल’, ‘कॉकटेल’, ‘पीकू’, ‘गोलियों की रासलीला राम-लीला’ और ‘पद्मावत’ जैसी दमदार फिल्मों में अभिनय करके अपने जलवे बिखेरे। साल 2006 में आई कन्नड़ फिल्म ‘ऐश्वर्या’ से फिल्म जगत में कदम रखने वाली दीपिका पादुकोण ने कहा, ‘बहुत कुछ सीखा, समझा और जाना है। मुझे उम्मीद है, कि मेरी यह यात्रा हमेशा जारी रहेगी।’

    उन्होंने 2018 में अपनी खुद की प्रोडक्शन कंपनी ‘का’ प्रोडक्शंस बनाई, जिसके तहत उन्होंने साल 2020 में ‘छपाक’ और साल 2021 में फिल्म ’83’ का निर्माण किया और साथ ही इन फिल्मों में अभिनय भी किया। दीपिका पादुकोण ‘लाइव लव लाफ फाउंडेशन’ की संस्थापक भी है, जो भारत में मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता पैदा करता है। हॉलीवुड फिल्म ‘XXX: रिटर्न ऑफ जेंडर केज’ (2017) में भी अभिनय करने वाली 36 वर्षीय अभिनेत्री ने कहा कि वह एक व्यक्ति और पेशेवर के रूप में हमेशा आगे बढ़ते रहने की उम्मीद करती है। दीपिका पादुकोण ने अपने एक जूम इंटरव्यू में कहा, ‘मैं इस सोच के साथ सेट पर नहीं जाती की मैं इतनी सारी फिल्मों में काम कर चुकी हूं या मैं आप सभी से बेहतर जानती हूं।

     
     
     
     
     
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    मैं यह सोचती हूं कि मैं सेट पर नए लोगों से क्या सीख सकती हूं। साथ ही यह भी सोचती हूं कि यह नई फिल्म, नया निर्देशन और नया अनुभव है।’ दीपिका पादुकोण की आगामी फिल्म ‘गहराइयां’ है, जो आधुनिक दौर के संबंधों पर आधारित है। इस फिल्म में सिद्धांत चतुर्वेदी, अनन्या पांडे, धैर्य कर्वा, नसीरुद्दीन शाह और रजत कपूर भी अभिनय करते नजर आएंगे। शकुन बत्रा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में दीपिका पादुकोण अलीशा नामक लड़की की भूमिका में नजर आएंगी, जो खुद को एक ”इंसान” बताती है। अभिनेत्री ने कहा की फिल्म सभी प्रकार के लोगों के प्रति दर्शकों में सहानुभूति पैदा करने का एक प्रयास है।

     
     
     
     
     
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    उन्होंने कहा, ‘इस फिल्म की कहानी ने मुझे यह एहसास कराया है कि कोई श्वेत, काला या भूरा नहीं होता है। वास्तव में सब इंसान है। हम पात्रों को वर्गीकृत करते हैं, क्योंकि हम सिनेमा में इस तरह के पात्रों को अच्छी तरह नहीं जानते है।’ दीपिका पादुकोण ने आगे कहा, ‘यह कहना बहुत आसान है, कि इसमें यह कमी है, यह एक खलनायक या नायक है। हमने इस चरित्र को मानवीय बनाने और उसकी पसंद के कारण को समझाने की कोशिश की है। उम्मीद है की हम इस प्रयास में सफल हुए है।’ (एजेंसी)