FIR registered against Javed Akhtar in Mumbai for his Taliban statement on RSS
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    मुंबई: बॉलीवुड एक्टर जावेद अख्तर (Javed Akhtar) सोशल मीडिया बहुत एक्टिव रहते है। वे अपने बेबाक अंदाज के लिए जाना जाता है। जावेद हमेशा अपने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के पोस्ट की वजह से, या तो कभी अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में बनी रहते हैं। जावेद सामाजिक और राजनीतिक हर एक मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखते नजर आते हैं। ऐसे में अब सिंगर ने हिंदुओं को दुनिया को सबसे सभ्य और सहिष्णु बताया है। 

    दरअसल हाल ही में जावेद अख्तर ने तालिबान (Taliban) की तुलना आरएसएस (RSS) और विश्व हिंदू परिषद (VHP) से की थी। ऐसे अब एक्टर ने  हिंदू समाज को सहिष्णु बताने वाला लेख शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा है। जावेद ने लिखा- ‘भारत कभी अफगानिस्तान जैसा नहीं बन सकता है। क्योंकि भारतीय  स्वभाव से चरमपंथी नहीं हैं। भारतीयों के डीएनए में ही सामान्य रहना है। पुरे विश्व में हिंदू सबसे ज्यादा सभ्य और सहिष्णु समुदाय हैं।

    आपको बता दें जावेद अख्तर ने तालिबान की तुलना आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद से की थी। जिसके बाद उन्हें सामना की आलोचना झेलनी पड़ी थी। सामान ने लिखा- ‘हमारे देश में आज कल कोई भी किसी को भी तालिबानी कह रहा है। अफगानिस्तान का तालिबानी शासन मतलब समाज व मानव जाति के लिए सबसे बड़ा खतरा है। ऐसे में चीन और पाकिस्तान जैसे राष्ट्रों ने तालिबानी शासन का समर्थन किया है। क्योंकि इन दोनों देशों में मानवाधिकार, लोकतंत्र, व्यक्तिगत स्वतंत्रता का कोई मोल नहीं बचा है। हमारे हिंदुस्तान की मानसिकता वैसी नहीं दिख रही है।

    उन्होंने आगे लिखा-  ‘हर तरह से जबरदस्त सहिष्णु हैं। लोकतंत्र के बुरखे की आड़ में कुछ लोग तानाशाही लाने का प्रयास कर रहे होंगे फिर भी उनकी सीमा है। इसलिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना तालिबान से करना उचित नहीं है।’ साथ ही सामना ने लिखा- जावेद अख्तर हमेशा अपने मुखर बयानों के लिए जाने जाते है। उन्होंने देश की के नीति पर प्रहार किए हैं। देश में जब-जब धर्मांध, राष्ट्रद्रोही विकृतियां उफान पर आईं, उन प्रत्येक मौकों पर जावेद अख्तर ने उन धर्मांध लोगों के मुखौटे फाड़े हैं। कट्टरपंथियों की परवाह किए बगैर उन्होंने ‘वंदे मातरम्’ गाया है। फिर भी संघ की तालिबान से की गई तुलना हमें स्वीकार नहीं है।’

    जावेद अख्तर ने कहा था कि- ‘जो लोग आरएसएस, वीएचपी, बजरंग दल जैसे संगठनों को सपोर्ट करते है उन्हें आत्मपरीक्षण करने की ज़रूरत है। ऐसे लोग तालिबान मध्ययुगीन मानसिकता के होते है। इस में कोई सक नहीं। वे बर्बर हैं, उपद्रवी हैं। आप जिन्हें सपोर्ट कर रहे हो उनमे और तालिबानी में कोई फर्क नहीं। इन्फैक्ट ऐसा करके आप तालिबानी मानसिकता को ही मजबूत बना रहे हो। आप भी उन्हीं के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। उनकी और इनकी मानसिकता एक ही है। 

    जावेद अख्तर ने आगे कहा था कि- ‘चाहे मुस्लिम राइटविंग हो, क्रिश्चियन राइट विंग हो या फिर हिंदू राइट विंग, ये दुनिया भर में एक जैसी ही मानसिकता है। तालिबानी इस्लामिक राज्य बनाने जा रहे हैं और ये लोग हिंदू राष्ट्र बनाने की तैयारी कर रहे है। साथ ही ये लोग चाहते कि हैं कोई भी लड़का और लड़की पार्क में साथ ना गुमे। फिलहाल फर्क सिर्फ इतना है कि ये लोग इतने शक्तिशाली नहीं। लेकिन इनका मक़सद तालिबानियों जैसा है।