रामराज्य मूवी रिव्यू (Photo Credits: Instagram)
रामराज्य मूवी रिव्यू (Photo Credits: Instagram)

इस शुक्रवार अभिनेता अमनप्रीत सिंह और शोभिता राणा स्टारर फिल्म रामराज्य ने सिनेमाघरों में दस्तक दे दिया है. आइए जानते है कैसी है ये फिल्म.

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    बैनर: ली हीलीअस फ़िल्मस

    कलाकार: अमनप्रीत सिंह, शोभिता राणा, सलमान शेख़, संदीप भोजक, गोविंद नामदेव, राजेश शर्मा, शाश्वत प्रतीक

    निर्माता: प्रबीर सिन्हा

    लेखक: शिवानंद सिन्हा

    निर्देशक: नितेश राय

    अवधि: 121 मिनट

    सेंसर: यू / ए

    रेटिंग्स: 3 स्टार्स

    पारिवारिक कहानी में नयापन

    फिल्म की कहानी उत्तर भारत के एक गांव से शुरू होती है जहां लकी नाम का मुख्य किरदार (अमनप्रीत सिंह) अपनी अपने लकी होने कहानी दोस्त को सुनाता है. जन्म से पहले ही लकी के पिता महंगाई और बेरोजगारी के चलते अपने 5वें संतान को जन्म नहीं देना चाहते है लेकिन लकी की मां को गुरुदेव बताते है कि जन्म लेने वाला बच्चा बहुत भाग्यशाली होगा. लकी के जन्म लेते ही उसके पिता को एक बड़ी कंपनी में काम मिलता है और साथ ही दोस्त को दिया पैसा भी ब्याज के साथ वापस मिलता है. शहर में हिंदू मुस्लिम दंगे के बीच लकी की मां उसे अच्छी शिक्षा और सुरक्षा के लिए उसके नाना के साथ शहर भेज देती है. यहां लकी दंगे में फंस जाता है जहां वो अपने नाना को खो देता है. बेसहरा लकी को गुरुजी ( गोविंद नामदेव ) अपने साथ शास्त्र और शस्त्र की शिक्षा देते है और समाज में अन्याय के खिलाफ लड़ाई के लिए आशीर्वाद भी देते. है  लकी अपने इस लड़ाई पर आगे बढ़ता है उसे सपना (शोभिता राणा) मिलती है जो अपनी जिंदगी से निराश है लकी उसे समझाता है. इस बीच अबरार (सरकारी भ्रष्टाचार की लड़ाई, कमजोर लोग के लिए संघर्ष सपना को लकी का यह रूप अच्छा लगता है. लकी की रामराज्य लाने के इस सफर में तब चौकाने वाला मोड़ आ जाता है जब उसका भाई निर्भय (संदीप भोजक)  कुछ लोगों को धोखा देकर भाग जाता है. निर्मय पर आरोप है कि उसने किसानों और कॉलेज के बच्चों को धोखा दिया है लेकिन इन सब के पीछे बड़ी साजिश है.

    अभिनय

    फिल्म में सभी कलाकारों ने अच्छा अभिनय किया है. अमनप्रीत की यह पहली फिल्म है. अपनी बहन रकुलप्रीत के अभिनय की तुलना में अभी उनके अंदर परिपक्वता का अभाव है लेकिन उनसे बेहतर प्रदर्शन उम्मीद की जा सकती है. सपना के किरदार में शोबिता राणा बहुत सहज और अच्छा अभिनय करती हैं. लकी के बड़े भाई निर्भय के किरदार में संदीप भोजक ने बहुत प्रभावशाली अभिनय किया है एक बेरोजगार और साजिश में फंसे युवा के किरदार में वह दर्शकों पर अपना प्रभाव छोड़ने में सफल रहे है. फिल्म में अबरार (सलमान शेख) का अभिनय काफी नेचुरल लगता है. फिल्म में गेस्ट अपीयरंस में शास्वत  प्रतीक भी प्रभावशाली लगे हैं. मुश्ताक शेख की कॉमिक टायमिग गुदगुदाती है.

    लेखन – निर्देशन

    शिवानंद सिन्हा की बतौर निर्देशक यह पहली फिल्म है लेकिन उनका विजन बड़ा है. फिल्म ‘रामराज्य’ की अवधारणा को आज के युग के रूप में साबित करती है कहानी परम्परागत होंने के साथ ही आधुनिक और प्रयोगधर्मी है  करप्शन खत्म करने के एक दृश्य में हम यह देख सकते है निर्देशक नितेश राय ने एक धार्मिक नायक को सिल्वर स्क्रीन पर आज की दुनिया का हीरो बनाने में सफल रहे है.

    क्या है सबसे खास

    एक लंबे समय के बाद परम्परागत कहानी को फिल्मी ताने बाने में ढालने के नावेल्टी देखने को मिलती है हिंदू मुस्लिम दंगे झगड़े पर कई फिल्में बनी है लेकिन यह पहली फिल्म है जो इस समुदाय के भाई चारे को एक नए प्रकाश में दिखाती है आज राजनैतिक उद्देश्य, सामाजिक भेदभाव और धार्मिक अलगाव के अंधेरे में रामराज्य आशा की एक सुनहरी किरण दिखाती है.