नयी दिल्ली: अभिनेता कमल हासन ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘पैन इंडिया’ फिल्म और कुछ नहीं बल्कि “नया गढ़ा गया शब्द” है क्योंकि भारतीय सिनेमा ने हमेशा “मुगल ए आजम” और “चेम्मीन” जैसी फिल्में बनाई जिसे हर भाषा के दर्शकों ने पसंद किया। हासन 200 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं जिसमें तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, हिंदी और बंगाली भाषा की फिल्में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ‘पैन इंडिया’ (अखिल भारतीय) परियोजना की सफलता उसकी सार्वभौमिक अपील और फिल्म निर्माण की गुणवत्ता पर निर्भर करती है।
पीटीआई-भाषा के एक सवाल का जवाब देते हुए 67 वर्षीय हासन ने कहा, “आप पत्थर छान कर सोना निकाल सकते हैं तो आप नए शब्द भी गढ़ सकते हैं। पैन इंडिया (फिल्में) हमेशा से बनती रही हैं।” अभिनेता ने अपनी आगामी फिल्म “विक्रम” के प्रोमोशन के लिए आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह कहा। इस फिल्म का निर्देशन लोकेश कनगराज ने किया है।
हासन ने कहा, “शांताराम जी ने पैन इंडिया फिल्में बनाईं। ‘पड़ोसन’ एक पैन इंडिया फिल्म थी। महमूद जी ने उस फिल्म में तमिल में संवाद बोला। आप ‘मुगल ए आजम’ को क्या कहेंगे? यह मेरे लिए पैन इंडिया फिल्म है। इसमें कुछ नया नहीं है। हमारा देश विशिष्ट है। यह अमेरिका की तरह नहीं है। हम विभिन्न भाषाएं बोलते हैं लेकिन हम एक हैं। यह इस देश की सुंदरता है।”
#WATCH | Actor-politician Kamal Haasan says, "…Padosan is a pan-India film…What do you call Mughal-e-Azam? It's a pan-India film for me…Our country is unique. Unlike America, we're very different. We speak different languages but are united. That's beauty of this country.." pic.twitter.com/NEgEcwmQSt
— ANI (@ANI) May 26, 2022
उन्होंने कहा, “हम हमेशा पैन इंडिया फिल्में बनाते रहेंगे। यह इस पर निर्भर करता है कि फिल्म कितनी अच्छी और सार्वभौमिक है। तब हर कोई उसे देखना चाहेगा। मलयाली फिल्म ‘चेम्मीन’ एक पैन इंडिया फिल्म थी। उन्होंने उसे डब भी नहीं किया और सबटाइटल भी नहीं थी फिर भी लोगों ने पसंद किया।” हासन की आगामी फिल्म “विक्रम” में विजय सेतुपति और फहाद फासिल ने भी काम किया है। यह तीन जून को दुनियाभर में रिलीज होगी।(एजेंसी)