Vipul Shah, Mamata Banerjee and Sudipto Sen

Loading

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट द्वारा ‘द केरल स्टोरी’ पर पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिबंध पर रोक लगाने के बाद फिल्म के केरल स्टोरी के निर्देशक सुदीप्तो सेन और निर्माता विपुल शाह ने घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। शाह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से टीम के साथ फिल्म देखने का आग्रह किया। जबकि, सेन ने प्रतिबंध को ‘अवैध’ बताया और उनके फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट की प्रशंसा की।

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए विपुल शाह ने कहा, “मैं हाथ जोड़कर ममता दीदी से कहना चाहूंगा कि इस फिल्म को हमारे साथ देखें और अगर उन्हें ऐसा कुछ मिलता है तो हमसे चर्चा करें। हम उनकी सभी मान्य आलोचनाओं को सुनना चाहेंगे और अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करना चाहेंगे। यह लोकतंत्र है जिसके बारे में हम बात करते हैं। हम असहमति के लिए सहमत हो सकते हैं। हम अपने अंतर पर चर्चा कर सकते हैं। यह मेरा अनुरोध है और हम इंतजार करेंगे।”

वहीं, सुदीप्तो सेन ने कहा, “सेंसर बोर्ड द्वारा पारित किए जाने के बाद कोई भी राज्य किसी फिल्म पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता है। यह प्रतिबंध अवैध था। सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर साबित कर दिया कि फिल्म देखने का अधिकार सभी को है, आपको पसंद आए या न आए लेकिन आप किसी को जबरदस्ती नहीं रोक सकते। हमने हमेशा सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा किया है। पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के लोगों सहित हमारा समर्थन करने वाले सभी लोगों का धन्यवाद, जिन्होंने मुझसे संपर्क किया। वे कल फिल्म देख सकते हैं।”

सेन ने कहा, “क़ानून और व्यवस्था बनाए रखना राज्य का विषय है। यह कोई बहाना नहीं हो सकता कि फिल्म नहीं दिखाई जाएगी क्योंकि कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है..।” उन्होंने कहा, “दीदी (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री) के लिए यह फिल्म देखने की मेरी दिली इच्छा है। उन्हें जो भ्रांतियां थीं, वे सब असत्य हैं। इसलिए मैं उनसे हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि एक बार इस फिल्म को जरूर देखें। अगर वह इसे पसंद नहीं करती है, तो हम बहस कर सकते हैं।”

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में ‘द केरल स्टोरी’ के प्रदर्शन पर प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हुई सुनवाई के दौरान हटाने का आदेश दिया। कोर्ट ने तमिलनाडु से फिल्म देखने जाने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है।

प्रधान न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने ‘द केरल स्टोरी’ के निर्माता से 20 मई को शाम पांच बजे तक फिल्म में 32,000 हिंदू एवं ईसाई महिलाओं के इस्लाम में धर्मांतरण के दावों पर ‘डिस्क्लेमर’ देने को कहा। शीर्ष अदालत के अनुसार डिस्क्लेमर में यह कहा जाना चाहिए कि “धर्मांतरण के आंकड़े पर सुझाव का समर्थन करने के लिए कोई प्रमाणित आंकड़ा नहीं है और फिल्म काल्पनिक संस्करण का प्रतिनिधित्व करती है।”

उल्लेखनीय है कि 8 मई को ममता बनर्जी ने राज्य में केरल स्टोरी पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, “पश्चिम बंगाल सरकार ने फिल्म द केरल स्टोरी पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। यह नफरत और हिंसा की किसी भी घटना से बचने और राज्य में शांति बनाए रखने के लिए है।” वहीं, फिल्म को तमिलनाडु के सिनेमाघरों से भी हटा लिया गया था।