File Pic
File Pic

    Loading

    मुंबई : स्वर कोकिला (Swara Kokila) लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की आज पहली पुण्यतिथि है। आज उन्हें गुजरे एक साल पूरे हो गए हैं। वो भले ही अब हमारे बीच नहीं है, लेकिन आज भी वो लोगों के दिलों में हैं। आज उनके पुण्यतिथि के मौके पर सभी उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। वहीं मशहूर सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने भी लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि  देते हुए ओडिशा के पुरी नीलाद्रि बीच पर उनकी एक 6 फीट ऊंची रेत की मूर्ति बनाई है।

    बता दें कि लता मंगेशकर आठ जनवरी, 2022 को कोरोना वायरस से संक्रमित हुई थी। इसके साथ ही उन्हें निमोनिया भी हुआ था, जिसके चलते दिन-प्रतिदिन उनका स्वास्थ्य बिगड़ता गया और 6 फरवरी, 2022 को उनका निधन हो गया था। 92 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली थी। उनके निधन की खबर से पूरा देश शोक में डूबा था। उनका जाना संगीत की दुनिया को एक बड़ा नुकसान था। गौरतलब है कि लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को इंदौर में मशहूर संगीतकार दीनानाथ मंगेशकर के यहां हुआ था। जब वो महज 13 साल की थी तभी उनके सिर से पिता का साया उठ गया था।

    जिसके बाद घर की पूरी जिम्मेदारी लता मंगेशकर के सिर पर आ गई थी और वो अपनी पढ़ाई छोड़ कमाने लगी थी। लता मंगेशकर अपने पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लता मंगेशकर ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि घर की जिम्मेदारियों की वजह से उन्होंने कभी शादी नहीं की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में यह भी बात बताई थी कि वो अगले जन्म में लता मंगेशकर नहीं बनना चाहती थी क्योंकि उन्होंने काफी तकलीफें झेली थी।

    उन्होंने बचपन से ही काफी तकलीफों का सामना किया था। उनका जीवन काफी संघर्षपूर्ण था। जिसके कारण वो दोबारा लता मंगेशकर नहीं बनना चाहती थी। भारत रत्न से सम्मानित स्वर कोकिला लता मंगेशकर 36 भाषाओं मे 50,000 से अधिक गाने गाई थीं। जिसमें हिंदी, भोजपुरी, उर्दू, मराठी, तमिल, कन्नड़, बंगाली जैसी कई अन्य भाषाएं शामिल है। उन्हें भारत रत्न के आलवा पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादासाहेब फाल्क अवॉर्ड समेत कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।