Sanjay Chauhan
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    मुंबई : फिल्म ‘पान सिंह तोमर’ (Pan Singh Tomar) और फिल्म ‘आई एम कलाम’ (I am Kalam) के स्क्रीनराइटर (लेखक) संजय चौहान (Screenwriter Sanjay Chauhan), का गुरुवार 12 जनवरी को निधन हो गया है। संजय एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल (Reliance Hospiotal) एंड रिसर्च सेंटर में क्रोनिक लीवर की बीमारी के इलाज के लिए पिछले 10 दिन से भर्ती थे। उनकी उम्र 62 वर्ष थी और उनकी मौत की वजह लिवर की बीमारी बनी। ‘धूप’ और ‘मैंने गांधी को नहीं मारा’ जैसी फिल्मों के अलावा, उन्होंने तिग्मांशु धूलिया के साथ ‘पान सिंह तोमर’, ‘साहेब बीवी’ और ‘गैंगस्टर रिटर्न्स’ जैसे फिल्मों में लेखन और सह-लेखन भी किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका अंतिम संस्कार मुंबई के ओशिवारा श्मशान घाट में किया जाएगा। आज यानि शुक्रवार को दोपहर 12.30 बजे उनकी अंतिम यात्रा निकलेगी। उनके परिवार में उनकी पत्नी सरिता और बेटी सारा हैं।

    संजय चौहान का जन्म भोपाल में हुआ। उनकी मां एक शिक्षक थीं और उनके पिता भारतीय रेलवे में नौकरी करते थे। संजय लेखक बनने से पहले एक पत्रकार थे। उन्होंने सोनी टेलीविजन (Sony Television) के लिए 1990 के एक क्राइम शो ‘भंवर’ लिखी थी। उन्होंने सुधीर मिश्रा (Sudheer Mishra) की प्रशंसित 2003 की फिल्म ‘हजारों ख्वाहिशें ऐसी’ और 2010 की फिल्म ‘राइट या गलत’ के लिए डायलॉग्स (Dialo0gues) भी लिखे। संजय चौहान ने लेखन समुदाय के अधिकारों की रक्षा में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी।

    2012 की फिल्म ‘पान सिंह तोमर’ उनकी सबसे उम्दा काम में से एक रही है। जिसे सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला और दिवंगत अभिनेता इरफान खान (Irfan Khan) को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। ‘आई एम कलाम’ ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पुरस्कार शो और फिल्म समारोहों में भी कई पुरस्कार जीते। इस फिल्म ने बाल कलाकार हर्ष मेयर को सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीताया।