नयी दिल्ली. एक बड़ी ही रोचक खबर के अनुसार, रूस अब मानव इतिहास में पहली बार एक ऐसा मुकाम हासिल करने जा रहा है, जिसके बारे में शायद ही पहले किसी ने कल्पना भी की हो। जी हाँ अब अमेरिका (America) जैसे देश को अंतरिक्ष क्षेत्र में पीछे छोड़नी की कोशिश के तहत रूस (Russia) यहां एक फिल्म (Movie) बना रहा है।
ख़बरों की मानें तो फिल्म की शूटिंग अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में होगी, जिसके लिए मंगलवार को अभिनेत्री सहित पूरे चालक दल को रवाना किया जाएगा (Shooting will on Space)। ऐसे में अगर ये मिशन सफलतापूर्वक पूरा होता है, तो यह रूसी चालक दल हॉलीवुड के उस प्रेजेक्ट से आगे निकल जाएंगे, जिसकी घोषणा इस साल के शुरू में की गई थी, जिसकी शूटिंग में स्पेस में होने वाली थी ।
गौरतलब है कि इसके पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA और एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने मशहूर हॉलीवुड अभिनेता टॉम क्रूज के साथ एक प्रोजेक्ट पर काम करने का ऐलान किया था। जिसकी शूटिंग अंतरिक्ष में ही की जानी थी। लेकिन फिलहाल इसपर कोई भी जानकारी नागी मिल रही है। लेकिन दूसरी तरफ रूस, देश की 37 साल की अभिनेत्री यूलिया परेसिल्ड (Yulia Peresild) और 38 साल के डायरेक्टर क्लिम शिपेंको (Klim Shipenko) को पूर्व सोवियत कजाकिस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोम से रवाना कर सकता है। ये लोग अनुभवी अंतरिक्ष यात्री एंटोन श्काप्लेरोव (Anton Shkaplerov) के नेतृत्व में इस अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे, जहाँ एक फिल्म की शूटिंग होगी।
ये है फिल्म का नाम और कहानी?
अगर सूत्रों की मानें तो चालक दल 12 दिन के मिशन के लिए सोयूज एमएस -19 अंतरिक्ष यान से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना होंगे। जिस पर फिल्म ‘द चैलेंज’ नामक फिल्म की शूटिंग की जाएगी। यहां फिल्म के अलग-अलग सीन भी फिल्माए जाएंगे। कहानी के अनुसार फिल्म में एक महिला डॉक्टर के बारे में बताया जाएगा, जो अंतरिक्ष यात्री को बचाने के लिए ISS जाती है। वैसे इस कहानी के बारे में रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोसकोसमोस (Roscosmos) ने जानकारी दी थी। फ्लाइट सूट पहने डायरेक्टर शिपेंको ने सोमवार को एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में फिल्म को अपना एक विलक्षण ‘एक प्रयोग’ बताया था।
कब लौटेगा चालक दल?
वहीं माना जा रहा है कि शिपेंको और पेरसिल्ड के आगामी 17 अक्टूबर को अंतरिक्ष यात्री ओलेग नोवित्स्की (Oleg Novitsky) के साथ एक कैप्सूल में पृथ्वी पर वापस लौटने की उम्मीद है, जो पिछले 6 महीनों से ISS पर ही हैं। हालाँकि यह लॉन्च अब ऐसे समय में हो रहा है, जब रूस की अंतरिक्ष इंडस्ट्री बेहद ही चुनौतीपूर्ण समय का सामना कर रही है। जहाँ एक तरफ यहाँ की पुतिन सरकार देश में सबसे ज्यादा प्राथमिकता फिलहाल सैन्य खर्च को ही दे रही है। विदित हो कि सोवियत काल की तुलना में अब रूस इनोवेशन के मामले में पह्के से काफी ज्यादा पिछड़ चूका है।