दिलीप कुमार को याद कर भावुक हुए जावेद अख्तर, बोले ‘वो गरिमा का प्रतीक थे…’

अख्तर ने कहा कि हॉलीवुड अभिनेता मार्लन ब्रांडो को ‘मेथड एक्टिंग’ के लिए जाना जाता है लेकिन कुमार उनसे बहुत आगे थे।,

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    दिलीप कुमार को श्रद्धांजलि देते हुए प्रख्यात गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने कहा कि कुमार अपने समय से बहुत आगे थे और “गरिमा, सहृदयता तथा शिष्टता” का प्रतीक थे। कुमार का 98 वर्ष की उम्र में बुधवार को निधन हो गया। कुमार की “मशाल”, “क्रांति” और “दुनिया” जैसी फिल्मों के लेखक अख्तर ने पीटीआई भाषा से कहा, “दिलीप साहब के लिए सबसे उपयुक्त विशेषण है गरिमा। एक बेहतरीन कलाकार होने के अलावा वह गरिमा, सहृदयता और शिष्टता का प्रतीक थे। वह अपने समय से आगे थे।”

    अख्तर ने कहा कि हॉलीवुड अभिनेता मार्लन ब्रांडो को ‘मेथड एक्टिंग’ के लिए जाना जाता है लेकिन कुमार उनसे बहुत आगे थे। उन्होंने कहा कि लोग मैथड़ एक्टिंग के लिए मार्लन ब्रांडो को श्रेय देते हैं, लेकिन वह दिलीप साब के बाद फिल्मों में आए।

    ब्रिटिश भारतीय अर्थशास्त्री लार्ड मेघनाद देसाई ने दिलीप कुमार को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें वैश्विक स्तर का महानतम अभिनेता बताया। कुमार का बुधवार को 98 वर्ष की उम्र में मुंबई में निधन हो गया था। अभिनेता की जीवनी “नेहरूज हीरो दिलीप कुमार” लिखने वाले लार्ड देसाई ने उन्हें अपनी शालीनता के लिए दुनियाभर में सम्मान पाने वाला अभिनेता बताया।

    देसाई ने कहा, “ दिलीप कुमार न केवल हिंदी सिनेमा बल्कि वैश्विक स्तर पर महानतम अभिनेता थे। वह पचास, साठ और सत्तर के दशक के सबसे लोकप्रिय अभिनेता थे।” उन्होंने कहा, “उनके अभिनय का तरीका, पहनावे का ढंग, चाल, शैली को साठ के दशक से फिल्म उद्योग में आने वाले कई युवा अभिनेताओं ने अपनाया। उन्हें नेहरू के भारत के विचार का प्रतिनिधित्व करने और शालीनता के लिए दुनियाभर से सम्मान मिला। अपने 50 साल लंबे करियर में उन्होंने हिंदी और बंगाली में साठ से अधिक फिल्मों में काम किया।” (bhasha)