फिल्मों की रिलीज से देशभर में होनेवाली कमाई का करीब 30 प्रतिशत हिस्सा महाराष्ट्र से आता है.
मुंबई: सिनेमाघरों को फिलहाल शुरू न करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले से फिल्म व्यापार जगत से जुड़े लोग नाराज हैं. उन्हें पूरी उम्मीद थी कि 31 जुलाई के बाद जारी होने वाली नई नियमावली में थिएटरों को दोबारा शुरू करने के संदर्भ में सकारात्मक घोषणा की जाएगी. हालांकि सरकार ने रेस्टोरेंट, जिम और अन्य चीजों पर लगी पाबंदियों में छूट तो दी लेकिन मॉल्स और सिनेमाघरों को पुनः शुरू करने की इजाजत नहीं दी गई.
सरकार के इस फैसले से फिल्म इंडस्ट्री में निराशा देखने को मिल रही है. फिल्मों की रिलीज से देशभर में होनेवाली कमाई का करीब 30 प्रतिशत हिस्सा महाराष्ट्र से आता है. अब जहां दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा जैसे राज्यों ने सिनेमाहॉल्स को शुरू करने की अनुमति दे दी है वहीं बॉलीवुड की कर्मभूमि मानी जाने वाली मुंबई इसके इंतजार में है.
फिल्म ‘भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया’ के निर्माता विनोद भानुशाली ने कहा,” फिल्मों के लिहाज से महाराष्ट्र बड़ा क्षेत्र है. भले ही अन्य राज्यों में थिएटर्स 50 प्रतिशत सीटिंग कैपेसिटी में क्यों न खुले हो अगर महाराष्ट्र में सिनेमा हॉल्स जल्द नहीं खुले तो नुकसान होना तय है और फिल्म की कमाई पर भी इसका असर पड़ेगा फिर.”
फिल्म ट्रेड नाराज
फिल्म ट्रेड एनालिस्ट कोमल नाहटा ने इस बाबत बताया कि देशभर से फिल्म की कमाई का करीब 20 प्रतिशत हिस्सा महाराष्ट्र से आता है, तो ये बड़ा नुकसान है. जितने जल्दी सिनेमा खुले उतना ही बेहतर होगा. हाल ही में जो आदेश आया उसे लेकर महाराष्ट्र सरकार की निंदा हुई है और फिल्म ट्रेड काफी नाराज है. जिम, क्लब और अन्य चीजें शुरू करने की इजाजत दी गई तो सिनेमा को क्यों नहीं? देशभर में थिएटर खुल रहे हैं लेकिन बॉलीवुड की जो कर्मभूमि है वही तड़प रही है. प्रोड्यूसर और फिल्म बिजनेस एनालिस्ट गिरीश जौहर ने भरोसा जताते हुए कहा, “उम्मीद है कि जल्द ही सरकार सिनेमाघरों को खोलने के लिए नए गाइडलाइन्स जारी करेगी ताकि सुरक्षा के साथ फिल्में रिलीज हो सके. अगर महाराष्ट्र को नजरअंदाज करके फिल्म निर्माता देश के अन्य हिस्सों में फिल्म रिलीज करते हैं तो तकरीबन 20 से 25 प्रतिशत का घाटा उन्हें सहना पड़ सकता है.”
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नुकसान सही पर वचन न जाए
सूत्रों के अनुसार, अक्षय कुमार की फिल्म ‘बेल बॉटम’ जोकि 19 अगस्त को रिलीज होनी है, उसे 100 करोड़ से भी ज्यादा की लागत में बनाया गया है. फिल्म को पहले सिनेमाघर और दो हफ्ते बाद ओटीटी पर रिलीज किया जा सकता है. इसके चलते अमेजन प्राइम से हुई साझेदारी में ‘बेल बॉटम’ जैसी बड़ी फिल्म के मेकर्स को डिजिटल राइट्स देने के बदले केवल 45 करोड़ ही प्राप्त हुए.
नाहटा ने कहा, “बेल बॉटम के मेकर्स ने 27 जुलाई की रिलीज कही थी लेकिन बाद में उसे पोस्टपोन कर दिया गया. अब अगर वापस ऐसा होता ये तो दर्शकों के बीच मजाक बनकर रह जाता. इसलिए मेकर्स हर हाल में फिल्म को कमिटमेंट के अनुसार थिएटर में रिलीज कर रहे हैं.”
सुरक्षा के लिहाज से सरकार सही
गिरीश ने कहा कि सरकार का निर्णय भी अपनी जगह सही है क्योंकि उनके लिए जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है. फिल्म देखने वाली ऑडियंस की समस्या इसके सामने छोटी है. अक्षय की फिल्म ‘रामसेतु’ का निर्देशन कर रहे अभिषेक शर्मा ने भी सरकार के फैसले का सम्मान करते हुए कहा कि हम निराश हो सकते हैं लेकिन नाराज नहीं. सरकार भी चाहती कि सिनेमा खुले लेकिन उन्होंने लोगों की परवाह की और उनकी सुरक्षा को वरीयता दी. इस वक्त सभी को संयम बरतने की जरूरत है.